Who will be CG CM: छत्तीसगढ़ में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। फिलहाल बीजेपी के तीन ऑब्जर्वर —अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम—राजधानी रायपुर में मौजूद हैं। पार्टी मीटिंग के लिए लगभग सारे विधायक भी इकठ्ठा हो चुके हैं। इस बैठक खत्म होने के बाद कयासों का दौर खत्म होने की संभावना है और प्रदेश की जनता को अपना नया मुख्यमंत्री मिल जाने की उम्मीद है।
इन 5 नामों पर चर्चाएं हैं गर्म
छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के जिन पांच नामों की चर्चा टॉप पर है, वे हैं: पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, छत्तीसगढ़ के ओबीसी चेहरा अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय और ओपी चौधरी। आइए जानते हैं, इन चारों शख्सियतों से जुड़े तथ्य और छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनका कद।
रेणुका सिंह: सीनियर आदिवासी महिला नेता
रेणुका सिंह बीजेपी की सीनियर आदिवासी महिला नेता हैं, जो सरगुजा से आती हैं। इनका पूरा नाम रेणुका सिंह सरुता है। सरगुजा के भरतपुर-सोनहत का प्रतिनिधित्व कर रही रेणुका सिंह काफी तेज तर्रार महिला नेता हैं। वे मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री रह चुकी हैं।
बता दें, छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 में सरगुजा में सभी सीटों पर बीजेपी जीती है। इन सभी सीटों की जीत में रेणुका सिंह का व्यक्तित्व भी एक कारण रहा है।
अरुण साव: छत्तीसगढ़िया ओबीसी चेहरा
अरुण साव के बारे में कहा जाता है कि वे बीजेपी में पार्टी का छत्तीसगढ़िया ओबीसी (OBC) चेहरा हैं। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले अरुण साव संघ (विहिप) के काफी करीब रहे हैं।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि वे नया और निर्विवाद चेहरा हैं। बतौर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व से उन्हें काफी सराहना मिली है। वर्तमान में वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, इस नाते उन्हें मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
रमन सिंह: केंद्रीय नेतृत्व के करीब हैं “चाउर वाले बाबा”
सौम्य स्वाभाव के रमन सिंह छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय चेहरा हैं। वे बीजेपी के चहेते भी है। यह कहा जाए कि इस चुनाव meवे प्रदेश के अघोषित मुख्यमंत्री चेहरा रहे हैं, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
उनके पास प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री होने के साथ एक लंबा राजनीतिक अनुभव है। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व में उनकी पकड़ काफी अच्छी है। यही कारण है कि इस बार चुनावी टिकट वितरण में “चाउर वाले बाबा” के नाम से लोकप्रिय रमन सिंह की बात को पार्टी ने काफी तवज्जो दिया।
विष्णुदेव साय: RSS के करीबी और एक ईमानदार चेहरा
अरुण साव की तरह विष्णुदेव साय भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी पार्टी का लोकप्रिय और मान्य आदिवासी चेहरा हैं। अभी तक किसी बड़े विवाद या भ्रष्टाचार में इनका नाम नहीं रहा है। इसलिए ये जनता में साफ़-सुथरी छवि रखते हैं। यह इनकी सबसे बड़ी ताकत है, जिसे बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व अनदेखा नहीं कर सकता है।
बता दें, इन्हें एकबार प्रदेश अध्यक्ष पद हटाया भी जा चुका है। लेकिन पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी जुड़े रहे। ये पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और आरएसएस (RSS) से काफी करीबी रखते हैं।
ओपी चौधरी: मुख्यमंत्री की रेस में इनका भी नाम
ओपी चौधरी एक भूतपूर्व प्रशासनिक (आईएएस) अधिकारी हैं, जो राजधानी रायपुर में भी कलेक्टर रह चुके हैं। इनका पूरा नाम ओम प्रकाश चौधरी है, जो अभी छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य के रूप में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
वे 2018 में रमन सिंह के कार्यकाल में रायपुर के कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे।
आज है कयासों का धुंध छटने के आसार
राजनीतिक विशेषज्ञों और विश्लेषकों के अनुसार इस बार किसी आदिवासी नेता को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कुछ विश्लेषक ओबीसी कार्ड की बात कर रहे हैं। इस लिहाज से अरुण साव का नाम सबसे ऊपर आता है। इस नजरिए से ओपी चौधरी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हो सकते हैं।
फिलहाल विश्लेषण और कयासों दौर अभी भी जारी है, जिसकी धुंध छत्तीसगढ़ पहुंच चुके बीजेपी ऑब्जर्वर की घोषणा के बाद छंट जाएगी।
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