हाइलाइट्स
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अमरवाड़ा के बाद बुदनी में उपचुनाव का रण
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शिवराज की सीट पर किसे मौका मिलेगा मौका
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बीजेपी-कांग्रेस में टिकट के कई दावेदार
Budhni by-election BJP Candidate: अमरवाड़ा विधानसभा सीट के बाद अब अगले 45 दिन में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुदनी सीट पर उपचुनाव (Budhni byelection BJP Candidate) होना है।
सीहोर की ये सीट शिवराज सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद खाली हुई है। निर्वाचन आयोग के सूत्रों की मानें तो जुलाई के आखिर तक चुनाव आयोग दूसरे उपचुनाव का कार्यक्रम जारी कर सकता है।
बुदनी में बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को मैदान में उतार सकती है। अगर ऐसा न हुआ तब भी प्रत्याशी पूर्व सीएम की सहमति से ही तय होगा।
शिवराज के स्वभाव से कार्तिकेय की राह आसान नहीं
सियासी जानकारों की मानें तो शिवराज अपने स्वभाव के चलते सीधे तौर पर कार्तिकेय (Kartikeya Singh Chauhan) के लिए पार्टी नेतृत्व के सामने दबाव नहीं बनाएंगे।
यही कारण है कि कार्तिकेय को टिकट लेने के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी। अगर उनके बेटे को टिकट न मिला तो वो खुद ही दूसरा नाम आगे करेंगे।
अगर चेहरा बदलता है तो फिर शिवराज (Shivraj Singh Chauhan) उपचुनाव (Budhni byelection BJP Candidate) के लिए ऐसे उम्मीदवार का नाम सुझाएंगे जो किरार समाज से आता है।
कार्तिकेय नहीं तो फिर कौन होगा शिवराज की पसंद
कार्तिकेय के बाद सबसे पहला नाम शिवराज के दूर के रिश्तेदार रवीशपाल सिंह चौहान (Ravishpal Singh Chauhan) का सामने आ रहा है।
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इसकी पहली वजह ये है कि वो उनके दूर के रिश्तेदार हैं और दूसरी ये कि रवीशपाल किरार समाज से आते हैं।
बुधनी सीट पर रहा किरार समाज का दबदबा
दरअसल बुधनी विधानसभा सीट पर जितने भी विधायक रहे हैं, वो ज्यादातर किरार किरार समाज से ही निर्वाचित हुए हैं।
इस सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजकुमार पटेल और देवकुमार पटेल भी किरार समाज से आते हैं।
उधर बीजेपी के सभी विधायक किरार समाज से ही रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही इस समाज से जुड़े प्रत्याशी को ही मौका देगी।
बुधनी सीट के जातिगत समीकरण
शिवराज के गढ़ वाली इस सीट पर बीजेपी को जातिगत समीकरण साधने की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी।
बुदनी में आदिवासी, किरार, ब्राह्मण, राजपूत, पवार, मुस्लिम, मीणा और यादव समाज अहम भूमिका निभाते आए हैं।
यहां कुल वोटर्स की संख्या 2 लाख 45 हजार से ज्यादा है।
इनमें से 35 से 40 हजार किरार, 24 हजार के करीब एसटी-एससी और 10 हजार के करीब खाती समाज के वोट हैं।
इनके अलावा सवर्ण, मुस्लिम और अन्य जातियों का भी वोट बैंक है।
बुधनी-विजयपुर उपचुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त
बीजेपी ने बुधनी-विजयपुर उपचुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिये हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसकी घोषणा की।
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मंत्री करण सिंह वर्मा को बुधनी प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं पूर्व मंत्री रामपाल सिंह सह प्रभारी नियुक्त किया है।
इसी तरह विजयपुर उपचुनाव के लिए मंत्री एंदल सिंह कंसाना को प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
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बुदनी में है 2.68 लाख मतदाता
बुदनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 156 है। इस क्षेत्र में कुल 2 लाख 68 हजार 435 मतदाता हैं।
जिनमें 1 लाख 39 हजार 332 पुरुष और 1 लाख 29 हजार 96 महिलाएं और 7 अन्य जेंडर के लोग शामिल हैं।
सामाजिक रूप से यहां की जनता में विभिन्न जातियों के लोग शामिल हैं।
यहां पर आदिवासी, एससी, किरार, मुस्लिम, सामान्य, यादव, किरदायमा और पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं।
बीजेपी का गढ़ है बुदनी सीट
बुदनी विधानसभा सत्तारूढ़ बीजेपी का गढ़ माना जाता है। शिवराज सिंह चौहान ने पहले 1990 और 2006 से जून 2024 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ये सीट खाली हो गई है।