WHO : खाद्य संकट और खाद्य सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम दावों के बीच असुरक्षित खाद्य पदार्थ का मुद्दा लगभग अनछुआ रह जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि खराब स्वास्थ्य का एक बड़ा कारण असुरक्षित खाद्य पदार्थ है जो विकास और वृद्धि को बाधित करता है।
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शरीर में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी उत्पन्न करता है, गैर संचारी और संक्रामक बीमारियों की वजह बनता है, मानसिक रोग भी पैदा करता है। वैश्विक स्तर पर, हर साल प्रति दस में से एक व्यक्ति खाद्य जनित रोगों से प्रभावित होता है।
जोखिम को कैसे कम कर सकते हैं
‘अफ्रीकन पॉपुलेशन एंड हेल्थ रिसर्च सेंटर’ की पोषण अनुसंधानकर्ता अंतोनिना मुतोरो बताती हैं कि खाद्य संदूषण के क्या कारण हैं और हम बीमारी के जोखिम को कैसे कम कर सकते हैं। सुरक्षित और पौष्टिक भोजन एक बुनियादी मानव अधिकार है, लेकिन कई लोग इससे वंचित रह जाते हैं।
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इसका एक कारण खाद्य संदूषण है। इसे भोजन में उन हानिकारक रसायनों और सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति के तौर पर परिभाषित किया जाता है जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वैश्विक स्तर पर हर दस में से एक व्यक्ति खाद्य संदूषण से प्रभावित होता है और यह समस्या सालाना लगभग 4,20,000 लोगों की मौत का कारण बनती है।
चोट का कारण बन सकते हैं
भोजन में बाहरी वस्तुएं जैसे धातु, कांच, तार और पत्थरों के टुकड़े चोट का कारण बन सकते हैं, दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं या रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को भोजन में पहुंचाने का कारण बन सकते हैं। बाल भी एक प्रदूषक है जो आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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भोजन में सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, वायरस और प्रोटोजोआ), कीट (घुन, तिलचट्टे और चूहे) या परजीवी (कृमि) बीमारी का कारण बन सकते हैं। बर्तन ठीक से साफ न होने पर उसमें रह गए साबुन के अवशेष, अन्न में रह गए कीटनाशक के अवशेष आदि और सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थ जैसे एफ्लाटॉक्सिन विषाक्तता का कारण बन सकते हैं।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
-बाहर से घर लौटने के बाद भी हाथ धोना चाहिए।
-गंदे बर्तनों का इस्तेमाल न करें।
-फलों-सब्जियों को साफ पानी से धोएं।
-कच्ची और पकी खाद्य सामग्री को एक ही जगह पर न रखें।
-बीमार लोगों को खाद्य सामग्री छूने से बचना चाहिए।
-ठीक से नहीं पका भोजन/कम पके हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
-मांस के सेवन से भी बचना चाहिए।
-बीमार व्यक्ति, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग लोगों को खाद्य जनित बीमारियों से बचाने पर खास ध्यान देना चाहिए, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
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