Tulsi Gabbard In Donald Trump Cabinet: अमेरिका का राजनीतिक माहौल भारत से बहुत अलग नहीं है. अमेरिका में भी नेता चुनावी हालात के हिसाब से राजनीतिक दल बदलते रहते हैं। भारत में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जहां चुनाव के ऐन वक्त पर नेता दल बदल लेते हैं।
तुलसी गबार्ड, 2013 से 2021 (Who is Tulsi Gabbard) तक डेमोक्रेट कांग्रेस महिला थीं, अब उन्होंने चुनाव से पहले पार्टी बदल ली है, और रिपब्लिकन में शामिल हो गईं है। अब उन्हें ट्रंप से तोहफा मिला है। उन्हें नेशनल इंटेलिजेंस का निदेशक बनाया गया है।
राष्ट्रपति पद के दिया था नामांकन
2019 में, गिब्बार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक नामांकन के लिए कमला को भी चुनौती दी थी। हालांकि, वह डेमोक्रेट्स की ओर से उम्मीदवार नहीं बन सकीं।
लेकिन, 2024 के चुनाव प्रचार में उन्होंने (Who is Tulsi Gabbard) डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को कोसा था। अब अमेरिकी चुनावी मौसम विज्ञानी गबार्ड को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव का तोहफा दिया है।
उन्होंने गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का निदेशक बना दिया है। इससे पहले वह एलन मस्क को सरकारी दक्षता विभाग (Department of Government Efficiency) में शामिल कर चुके हैं।
ट्रंप के वॉर रूम से जानकारी
नए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बुधवार को गबार्ड का आधिकारिक वर्णन एक प्राउड रिपब्लिकन के रूप में पोस्ट किया, जिससे उन्हें उम्मीद थी कि वह खुफिया समुदाय में निडरता लाएंगे। ट्रंप ने अपने आधिकारिक हैंडल ‘ट्रंप वॉर रूम’ के जरिए गबार्ड की नियुक्ति की जानकारी दी।
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एक्स पर कर ट्रंप ने दी जानकारी
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि कांग्रेस के पूर्व सदस्य लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड नेशनल इंटेलिजेंस (NI) के निदेशक के रूप में काम करेंगी। तुलसी ने दो दशकों तक हमारे देश और सभी अमेरिकियों की आजादी के लिए संघर्ष किया है।
चूंकि वह डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन चाहती हैं, इसलिए उन्हें दोनों पार्टियों से समर्थन मिला है। वह अब एक गौरवान्वित रिपब्लिकन है!
ट्रंप ने आगे लिखा कि मैं जानता हूं कि तुलसी हमारे खुफिया विभाग में अपने शानदार करियर में निडरता की भावना लाएगी, हमारे संवैधानिक अधिकारों की वकालत करेगी और ताकत के माध्यम से शांति सुनिश्चित करेगी। तुलसी हम सभी को गौरवान्वित करेंगी!’
कौन हैं तुलसी?
रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने से पहले तुलसी गबार्ड एक डेमोक्रेटिक नेता थीं। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए 2013 से 2021 तक हवाई द्वीप के दूसरे कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व किया। 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने से पहले उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पार्टी पर जंगबाज़ होने का आरोप लगाया।
क्या भारत से हैं गबार्ड?
तुलसी गबार्ड को लोग उनके पहले नाम के कारण भारत से जोड़ते हैं। उनका पहला नाम हिंदू धर्म से संबंधित है। दरअसल उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था। इसीलिए उनकी मां ने अपने सभी बच्चों का नाम हिंदू रखा। हालांकि, गबार्ड का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है। गबार्ड भी खुद को हिंदू मानती हैं।
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