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Who Is Om Birla: कड़े फैसले लेने में सख्त हैं ओम बिरला, संसद में हिंदी को दिया महत्व; जानें कैसा रहा उनका राजनीति सफर

Om Birla LokSabha Speaker: ओम बिरला को 1991 में राजनीति में कदम रखा था, अभी तक वह एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। 2014 मं वह पहली बार सांसद बने थे

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aman sharma
Who Is Om Birla: कड़े फैसले लेने में सख्त हैं ओम बिरला, संसद में हिंदी को दिया महत्व; जानें कैसा रहा उनका राजनीति सफर

Om Birla Lok Sabha Speaker Profile: लोकसभा स्पीकर चुनाव में ओम बिरला को लगातार दूसरी बार सदन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर बैक टू बैक दूसरी बार भरोसा जताया गया है तो उन्हें टक्कर देने के लिए विपक्ष ने कांग्रेस के आठ बार के सांसद के. सुरेश को स्पीकर के चुनाव में उतारा था।

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https://twitter.com/Dev_Fadnavis/status/1805854184375468176

लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीएन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम पद संभालने की जिम्मेदारी सौंपी। वहीं, दूसरी ओर पीएम मोदी ने भी लोकसभा अध्यक्ष का भरोसा ओम बिरला पर जताया।

सदन अध्यक्ष के चुनाव को लेकर इससे पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टी टीडीपी के बीच टकराव की स्थिति है, लेकिन बीते दिन ओम बिरला के नामांकन के बाद यह भी साफ हो गया। संसद में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत है।

https://twitter.com/ombirlakota/status/1805861550508720542

1991 में पहली बार बने प्रदेश अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 1991 से राजनीति में एक्टिव हैं। करीब चार दशक का सफर उनका काफी शानदार रहा है। 2003 के बाद ओम बिरला को किसी भी चुनाव में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है।

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राजस्थान के कोटा से ताल्लुक रखने वाले ओम बिरला को 1991 में पहली बार भारतीय युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था, इसके छह साल बाद 1997 में वो युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए थे।

विधायकी की लगाई हैट्रिक

सांसद बनने से पहले ओम बिरला ने राजस्थान के कोटा से लगातार दिन बार विधायक रह चुके हैं। 2003 में वह पहली बार दक्षिण कोटा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके बाद 2008 में भी कोटा की जनता ने जीताकर विधानसभा भेजा। जबकि 2013 में लगातार तीसरी जीत दर्ज कर वह हैट्रिक लगाने में सफल रहे थे।

सांसद बनने की लगाई हैट्रिक

2014 में मोदी लहर के बीच ही भारतीय जनता पार्टी ने ओम बिरला ने पहली बार सांसदी का टिकट दिया था। कोटा शहर से संसदीय चुनाव में खड़े हुए ओम बिरला को यहां भी जीत नसीब हुई।

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इसके बाद 2019 में एक बार फिर ओम बिरला को लोकसभा चुनाव में सांसदी का टिकट दिया गया था और इस बार भी उन्होंने जीत दर्ज की। इस बार (लोकसभा चुनाव 2024) ओम बिरला लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं।

संसद को बनाया डिजिटल

ओम बिरला भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। उन्हें पहली बार 17वीं लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर सर्वसम्मति से चुना गया था। इस दौरान उन्होंने संसद की कार्यवाहियों में कई अहम बदलाव भी किए थे।

पेपर कलम के भरोसे चलने वाली संसद को इन्होंने अपने पहले अध्यक्ष कार्यकाल में धीरे-धीरे डिजिटल की तरफ मोड़ दिया था। वर्तमान में सभी सांसदों के पास स्वयं के टैबलेट मौजूद हैं, साथ ही वित्त मंत्री भी टैबलेट से ही अपना बजट प्रस्तुत करती हैं, बता दें कि यह सब बदलाव ओम बिरला के कार्यकाल में ही हुए थे।

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संसद में हिंदी को बढ़ावा

ओम बिरला ने न सिर्फ संसद के अध्यक्ष के तौर पर कई बड़े फैसले किए हैं, बल्कि उन्होंने हिंदी भाषा के शब्दों को भी संदन में स्थान दिया है। दरअसल, ओम बिरला ने ‘ऑनरेबल एमपी’ की बजाए ‘माननीय सदस्यगण’ बोलने की शुरुआत की।

https://twitter.com/ombirlakota/status/1805839413416804832

उन्होंने ‘मोशन’ को ‘प्रस्ताव’ में और मतदान के दौरान सांसदों के बीच ‘यस और नो’ की वर्षों पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया और इसकी जगह ‘हां और नहीं’ में बोलने को कहा।

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