MP Election 2023: मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव होने में अब महज कुछ महीने ही बचे है ऐसे में बीजेपी से लेकर कांग्रेस सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टियों ने अपनी कैंपेन की शुरूआत पहले ही कर दी थी। वहीं एमपी में कांग्रेस ने चुनाव को देखते हुए बड़ी चाल चली है। जहां एक समय पर चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम किया था, जिसकी बदौलत देश के कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है। वहीं अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपनी सरकार की वापसी कराने के लिए विधानसभा चुनाव के लिए सुनील को अपना रणनीतिकार बनाया है।
जानिए चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू को
बता दें कि 2014 में प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक के साथ सुनील जुड़े थे। हालांकि रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी कंपनी को मोदी से अलग कर लिया था। लेकिन सुनील कानुगोलू मोदी के साथ बने रहे। साल 2017 में बीजेपी की विशाल जीत दिलाकर सीएम योगी को कुर्सी दिलाने का मुख्य सूत्रधार यही थे।
बता दें कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश व गुजरात समेत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी सुनील ने बखूबी निभाई थी।
हालांकि अब वह मोदी के साथ काम नहीं कर रहे। वह इस साल कर्नाटक और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मैनेजमेंट और प्लानिंग का जिम्मा संभाल रहे है। वह फिलहाल माइंडशेयर एनालिटिक्स कंपनी के साथ जुड़े हुए है।
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कभी सामने नहीं आते
41 साल के सुनील न तो खुद कैमरे पर आते हैं न ही अपने परिवार की जानकारी सार्वजनिक करते हैं। सुनील कानुगोलू किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें पब्लिक फिगर बनना पसंद नहीं है। सुनील का पूरा फोकस अपने टार्गेट पर होता है।
भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार थे सुनील
बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देशभर में लोकप्रिय हुई भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार भी सुनील ही थे। यात्रा की शुरूआत कहां से होगी, किन राज्यों से होते हुए जाएगी, कहां तक जाएगी ये सारी प्लानिंग सुनील ने ही की थी। इसके अलावा हर राज्य के लिए भारत जोड़ो यात्रा को लेकर स्थानीय भाषा में थीम सॉन्ग बनाने का आइडिया भी इन्हीं का था।
कमलनाथ की होगी वापसी?
जबकि यात्रा के अंत में कश्मीर पहुंचकर लाल चौक पर तिरंगा फहराने का प्लान भी सुनील का ही था। हालांकि इस फैसले पर कई नेताओं ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। जिसको लेकर सुनील ने सफाई में कहा था कि लाल चौक पर तिरंगा फहराने से देशभर में कांग्रेस को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। जिसपर खुद राहुल गांधी ने हामी भरी थी। माना जाता है कि सुनील कानुगोलू कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी के बेहद करीब हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या 2023 में कमलनाथ की वापसी होती है या नहीं।
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