WHO Alert Chikungunya Bhopal: मध्यप्रदेश के भोपाल में इस साल 58 केस सामने आए हैं, जिनमें चिकनगुनिया जैसे गंभीर लक्षण मिले हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत समेत 119 देशों में चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट जारी किया है। हालांकि, जिले का स्वास्थ्य विभाग उनकी रिपोर्ट को नेगेटिव बता रहा हैं।
साल 2005-06 में चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। इसके बाद उसी लक्षण के गंभीर अब तेजी से सामने आ रहे हैं। पिछले साल अगस्त के आखिरी तक भोपाल में करीब 40 केस डिटेक्ट किए गए थे। इन मरीजों को तेज बुखार, जोड़ों में तेज दर्द और मांसपेशियों में अकड़न की शिकायत हैं।
चिकनगुनिया को कोई इलाज नहीं
डॉक्टरो का कहना है कि चिकनगुनिया का कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। यह बीमारी एडीस इजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीस एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) नामक मच्छरों के काटने से फैलती है। इन मच्छरों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं।
ये चिकनगुनिया के लक्षण
वायरस संपर्क में आने के 4 से 7 दिन बाद असर दिखता है।
अचानक तेज बुखार: बुखार 104°F (40°C) तक हो सकता है।
जोड़ों में तेज दर्द: दर्द की वजह से चलना—फिरना मुश्किल होता है।
मांसपेशियों में दर्द और अकड़न: पूरे शरीर में दर्द और जकड़न महसूस हो सकती है।
सिरदर्द और थकान: लगातार सिरदर्द और अत्यधिक कमजोरी महसूस होना।
त्वचा पर चकते: शरीर पर लाल रंग के छोटे—छोटे दाने या कचत्ते निकलना।
मतली या उल्टी: कुछ मामलों में पेट खराब होने की शिकायत होती है।
आंखों में सूजन और दर्द: आंखे लाल, उनमें दर्द महसूस हो सकता है।
ये चिकनगुनिया से बचाव
मच्छरों के प्रजनन को रोकें।
अपने घर और आसपास कहीं भ पानी जमा न होने दें।
कूलर, गमले, पुराने टायर और पानी की टंकियों को नियमित रूप से साफ करें।
अगर पानी को स्टोर करना जरूरी है, तो बर्तनों को अच्छी तरह ढक कर रखें।
घर के अंदर और बाहर मच्छर भगाने स्प्रे या लिक्विड रिपेलेंट का उपयोग करें।
पूरी बाजू के कपड़े और पैंट पहनें, ताकि शरीर का ज्यादातर हिस्सा ढका रहे।
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाएं, ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
डॉक्टर से सलाह लें
अगर आपको चिकनगुनिया जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
डॉक्टर की सलाह पर सिर्फ पैरासिटामोल का सेवन करें।
अन्य दर्द निवारक दवाएं, जैसे एस्पिरिन या इबुप्रोफेन से बचें, क्योंकि ये रक्तस्राव का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी, ओआरएस समेत अन्य तरल पदार्थ का सेवन करें।
पूरी तरह से आराम करें, क्योंकि यह रिकवरी के लिए बहुत जरूरी है।
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