Animals In Space:क्या आप जानते हैं कि इंसान ही नहीं, जानवरों को भी अंतरिक्ष (Animals in Space) में जाने का मौका मिला है? सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि इंसान से पहले एक जानवर स्पेस में जा चुका है।
1-अंतरिक्ष में जाने वाला सबसे पहला जीव मक्खियां थीं, जिन्हें अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 1947 में भेजा था। गया था। वे जानना चाह रहे थे कि खगोलीय विकिरण का भविष्य में भेजने जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों पर क्या असर होगा। वी-2 बैलेस्टिक मिसाइल के जरिए मक्खियों को 109 किलोमीटर की ऊंचाई तक अंतरिक्ष में भेजा गया था। इन्हें पैराशूट के जरिए न्यू मैक्सिको में उतारा भी गया था और कैप्सूल खोलने पर मक्खियां जिंदा भी पाई गई थीं।
2-अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा किसी जानवर को भेजा गया है कि तो वह बंदर और वानर प्रजाति के जानवर हैं। इनमें रीसस मकैक, सुअर की पूछ वाले बंदर,गिलहरी की पूंछ वाले बंदर और चिंपांजी भी शामिल हैं। सबसे पहले अलबर्ट 2 नाम का रीसस मैकक 1949 में 134 किलोमीटर तक पहुंचाया गया था, लेकिन उसकी लौटते समय मौत हो गई थी। इसके बाद 1961 में पहला वानर प्रजाति का हैम नाम का चिम्पांजी नासा ने अतरिक्ष में भेजा गया था जो सकुशल लौटा था।
3-इंसानों की सेहत, चिकित्सा आदि संबंध में जितने भी शोध होते हैं उनमें चूहों का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है। अंतरिक्ष के वातावरण का इंसान पर असर जानने के लिए चूहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है। नासा ने तो चूहों के अंतरिक्ष में अनुभव एक विस्तृत अध्ययन किया है, जिन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया था। जबकि पहला चूहा 1950 में अंतरिक्ष में 137 किलोमीटर तक भेजा गया था। लेकिन पैराशूट की नाकामी की वजह से वह मर गया था।
4-सोवियत संघ ने सबसे ज्यादा कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा है इसमें सबसे मशहूर 1957 में लाइका नाम की कुतिया थी। इसे मॉस्को के गलियों से उठाया गया था। हालांकि यह कभी पृथ्वी पर वापस नहीं लौट सकी। लेकिन यह दुनिया भर में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले जानवर के तौर पर मशहूर हो गई थी जबकि इससे पहले भी कुछ कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा गया था।
5-हैरानी की बात लगती है, लेकिन यह सच है कि कछुए को भी अंतरिक्ष में भेजा जा चुका है। 1968 में जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चंद्रमा पर जाने की होड़ चल रही थी, तब रूस ने जोंड5 नाम के अंतरिक्ष यान में दो कछुओं को अंतरिक्ष में भेजा था। ये चंद्रमा का चक्कर लगाने के छह दिन बाद पृथ्वी पर लौटे लेकिन पूर्वनिर्धारित कजाकिस्तान में उतरने की जगह वे हिंद महासागर में गिर गए थे। लेकिन वे सुरक्षित बचा लिए गए थे।
इतना ही नहीं इन जानवरों के अलावा नासा ने मेंढक, मकड़ियों (1973), मछलियां (1973) ,टार्डिग्रेड (2007), फ्रांस बिल्ली (1963) में भेज चुका है। वहीं 2012 में जापान ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मछलियां, भेजी थीं। इसके अलावा कई पौधों खास तौर पर भोजन और सलाद वाले पौधों पर अंतरिक्ष में प्रयोग हो चुके हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सूक्ष्मजीवों को पनपने को लेकर भी कई प्रयोग हो चुके हैं।
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