आगर मालवा। प्रदेश के आगर मालवा से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक भेंस के चोरी होने के बाद बड़ा विवाद हो गया। मामला थाने से होकर पंचायत में भी पहुंचा। इतना ही नहीं इस फसाद का फैसला भैंस ने ही किया। यह मामला अब काफी सुर्खियों में बना हुआ है। हालांकि अब भैंस ने खुद ही इस फसाद पर फैसला सुना दिया है।
यह है पूरा मामला
दरअसल यह पूरा मामला आगर मालवा जिले के कानड़ थाना अंतर्गत ग्राम सामगी है। इस गांव में रहने वाले गोपाल गोस्वामी की बीते 7 जून को भैंस चोरी हो गई थी। इसके बाद गोपाल लगातार अपनी भैंस की खोज में जुटा रहा। बीते शनिवार को गोपाल को जानकारी मिली कि उसकी भैंस मिल गई है। जानकारी मिलने के बाद वह थाने पहुंचा। हालांकि गोपाल को यहां भैंस तो नहीं मिली लेकिन जानकारी मिली कि माकड़ौन निवासी कमल जाट के पास हूबहू उसकी जैसी भैंस है। इसके बाद गोपाल इस भैंस को अपना बताकर अड़ गया। वहीं कमल जाट ने बताया कि उसने भैंस किसी अन्य व्यक्ति से खरीदी है। दोनों के बीच भैंस पर मालिकाना हक को लेकर विवाद हो गया।
मामला गांव के पंचों के पास ले जाया गया। गांव के पंचों ने फैसला किया कि भैंस को खेतों में छोड़ा जाएगा इसके बाद भैंस अपने-आप असली मालिक के पास चली जाएगी। इसको लेकर दोनों तैयार हो गए। भैंस को खेतों में छोड़ गया। हालांकि भैंस अपने असली मालिक कमल जाट के घर पहुंच गई। भैंस के इस फैसले से साफ हो गया कि उस पर असली हक कमल जाट का है। वहीं गोपाल ने बताया कि उसकी भैंस बिल्कुल इसी तरह दिखती है। उसने भैंस को काफी लाड़-प्यार से पाला था। इतना ही नहीं उसका नाम भी प्यार से श्रीदेवी रखा था। हालांकि इस फैसले के बाद दोनों पक्ष संतुष्ट हो गए।