नई दिल्ली। अब तक देश-दुनिया में प्लेन हाई जैक की कई घटनाएं हो चुकी हैं। ज्यादातर मामलों में इन घटनाओं को आतंकियों ने अंजाम दिया है। लेकिन एक घटना ऐसी भी है जिसे किसी आंतकवादी संगठन ने अंजाम नहीं दिया था, बल्कि इस घटना को एक पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अंजाम दिया था और वो भी रोचक तरीके से। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
1978 की घटना है
बात साल 1978 की है। भारत में आपातकाल और इंदिरा गांधी का राज खत्म हो चुका था। पहली बार आजाद भारत में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। पूर्व कांग्रेसी नेता मोरारजी देसाई जनता पार्टी की अगुवाई में प्रधानमंत्री बने थे। देश की जनता इंदिरा गांधी के खिलाफ वोट कर अपना गुस्सा जता चुकी थी। वहीं आपातकाल के दौरान जेल गए नेता भी इंदिरा गांधी को सबस सिखाना चाहते थे। जब वे जनता पार्टी की अगुवाई में सत्ता में आए तो उन्हें इंदिरा को सबक सिखाने का एक मौका मिला। फिर क्या था इंदिरा गांधी को जेल भेज दिया गया।
दोनों ने हाईजैक का प्लान बनाया
इंदिरा के जेल जाते ही कांग्रेस नेता परेशान होने लगे। ऐसे में दो कार्यकर्ताओं ने इंदिरा गांधी को जेल से छुड़ाने के लिए विमान हाईजैक करने का प्लान बनाया। 20 दिसंबर के दिन इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट संख्या 410 कोलकाता से लखनऊ होते हुए दिल्ली आ रही थी। शाम करीब 5 बजकर 45 मिनट पर विमान ने लखनऊ से उड़ान भरी। इसमें इंदिरा गांधी शासनकाल में मंत्री रह चुके ए.के सेन और धरम बीर सिंघा सहित 126 यात्री सवार थे। विमान दिल्ली के आसमान में था और सिर्फ 15 मिनट के अंदर वह पालम एयरपोर्ट पर लैंड होने वाला था। किसी भी विमान के लिए लैंडिंग से पहले के ये 15 मिनट बेहद खास होते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसी का फायदा उठाया। या यू कहें कि 126 यात्रियों के जान को खतरे में डाल दिया।
लैंडिंग से पहले ही हाईजैक
विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड होता, उससे पहले ही दो युवक अपनी सीट से उठे और सीधे कॉकपिट की तरफ बढ़े। इन युवकों का नाम भोला नाथ पांडेय और देवेंद्र नाथ पांडेय था। दोनों युवक एयर होस्टेसों को चकमा देते हुए कॉकपिट में घुस गए। इसके बाद उन्होंने अपने मन मुताबिक पायलट से काम करने को कहा। पायलट ने घोषणा करते हुए यात्रियों को बताया कि हमारे विमान का अपहरण हो गया है और हम पटना की ओर जा रहे हैं। कुछ ही सेकेंड बाद एक और घोषणा हुई, जिसमें बताया गया कि अब हम पटना की बजाय वाराणसी जाएंगे।
दोनों यूथ कांग्रेस से जुड़े हुए थे
विमान हाईजैक करने वाले दोनों कार्यकर्ता यूथ कांग्रेस जुड़े हुए थे और उनका एक ही मकसद था कि तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख इंदिरा गांधी को तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए और उनके बेटे संजय गांधी के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं उन्हें भी हटा लिया जाए। जैसे ही विमान वाराणसी में लैंड हुआ। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने सीधे अपहरणकर्ताओं से संपर्क किया। कांग्रेस के दोनों कार्यकर्ताओं ने बिना किसी शर्त के इंदिरा गांधी को रिहा करने की मांग की। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने अपहरणकर्ता भोला नाथ पांडेय के पिता से संपर्क किया और उन्हें वाराणसी एयरपोर्ट बुलाया गया। उन्होंने यूथ कांग्रेस के दोनों कार्यकर्ताओं से बात की और विमान से बाहर निकलने पर राजी कर लिया। इस तरह से यह हाईजैक कांड खत्म हो गया।
नकली हथियारों से किया था हाईजैक
बाद में खुलासा हुआ कि दोनों ने एयर इंडिया के इस विमान को नकली हथियारों से हाईजैक किया था। विमान हाईजैक करने वाले भोला नाथ पांडेय के पास एक टॉय गन थी। जबकि दूसरे शख्स देवेंद्र नाथ पांडेय के पास क्रिकेट बॉल, जिसे बम बताकर प्लेन को हाईजैक किया गया था। दोनों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया और उन्हें रिहा कर दिया गया।
दोनों को मिला इनाम
पार्टी ने बाद में इन दोनों कार्यकर्ताओं को इनाम भी दिया। दोनों को कांग्रेस ने अपनी टिकट पर चुनाव लड़वाया। देवेंद्र नाथ पांडेय उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव भी बने। जबकि भोला नाथ पांडेय को युथ कांग्रेस में महासचिव और कांग्रेस पार्टी में सचिव बनाया गया था।