Interesting Facts: आज दुनिया का हर सफल इंसान अपने साथ घड़ी को पहन कर घूमते हैं क्योंकि वह समय की अहमियत को जानता हैं। उसके लिए घड़ी का एक-एक सेकंड काफी महत्वपूर्ण होता हैं वहीं कुछ लोग शौक के लिए घड़ी को पहनते हैं। पर जो भी हो घड़ी अपना काम नित्य करती रहती हैं। वह हरेक को समय की जानकारी देती रहती हैं। घड़ी में ही समय को देखकर हर कोई अपने अपने कामों पर दौड़ता हैं। घड़ी में देखकर ही हर कोई अपना काम समय पर पूरा करता हैं। आज के इस आधुनिक समय में घड़ी के बिना जीवन संभव ही नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं घड़ी का अविष्कार किसने, कब और कहां किया? यदि आपके पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं तो कोई बात नहीं, हम इन सभी सवालों के जवाब जरूर देंगे।
माना जाता है कि घड़ी के अविष्कार से पहले धूप और आवरग्लास जैसी चीजों से समय का पता लगाया जाता था। लेकिन, इससे भी स्पष्ट समय का पता नहीं चलता। बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो करीब 2500 साल पहले प्राचीन यूनान के लोग पानी से चलने वाली अलार्म वाली घड़ी का इस्तेमाल किया करते थे। ये घड़ियां पानी के गिरते स्तर के साथ एक निश्चित वक्त के बाद बजने लगती थीं। हालांकि, आधुनिक घड़ियों के इस्तेमाल और इसके अविष्कार को लेकर कई तरह के विवाद हैं।
मौजूद घड़ी का आविष्कार काफी रोचक रहा हैं। हम जिस तरह की घड़ी का इस्तेमाल करते हैं वैसी घड़ी का आविष्कार एक बार में नहीं हुआ हैं यानी कई चरणो में हुआ है। सबसे पहले जर्मनी के पीटर हेलेन ने एक जगह से दूसरी जगह पर ले जा सके ऐसी घड़ी को बनाया। उसके बाद 1577 ई. में स्वीटजरलैंड के जॉस बर्गी ने अपने खगोलशास्त्री मित्र के लिए मिनट की सुई वाली घड़ी का आविष्कार किया।
ब्लेज पास्कल ने बनाई थी हाथ में पहनने वाली खड़ी
हालांकि आज हम जिस घड़ी को अपनी कलाई पर बांधते हैं वैसी घड़ी फ्रांस के गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने बनाई थी। उन्होंने उस घड़ी को छोटी रस्सी की मदद से अपने हथेली पर बांध ली थी, ताकि काम करते समय वह उसे देख सके। आपको बता दे कि, यह वही ब्लेज पास्कल हैं, जिन्होंने कैलकुलेटर का आविष्कार भी किया था। इस प्रकार वर्तमान समय में इस्तेमाल की जाने वाली घड़ी का विकास कई चरणों में हुआ हैं। किसी ने पहले घंटे वाली सुई बनायी तो किसी ने मिनट वाली सुई।