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Bajra Jowar Roti Benefits: भारत में हर राज्य की थाली में रोटी की अपनी अलग पहचान है कहीं गेहूं की रोटी आम है, तो कहीं बाजरे या ज्वार की रोटी का बोलबाला है। हर रोटी के अपने पोषक तत्व और फायदे होते हैं, लेकिन सही रोटी का चुनाव आपके शरीर की ज़रूरत, मौसम और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो जानिए कौन सी रोटी देती है ज़्यादा पोषण, बेहतर डाइजेशन और एनर्जी का सही संतुलन।
गेहूं की रोटी
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गेहूं की रोटी[/caption]
गेहूं की रोटी उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में मुख्य भोजन के रूप में खाई जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं। हालांकि, गेहूं की रोटी का अधिक सेवन वजन बढ़ा सकता है। शुगर और थायराइड के मरीजों को इसमें दूसरे अनाज का आटा मिलाकर खाना चाहिए। सुबह या दोपहर में गेहूं की रोटी खाना फायदेमंद होता है, लेकिन रात में इससे परहेज करें, क्योंकि इसे पचाने में समय लगता है।
बाजरे की रोटी
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बाजरे की रोटी स्वाद और सेहत दोनों के लिहाज से बेहतरीन है। इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो खून की कमी को दूर करने में मदद करता है। बाजरा शरीर को गर्म रखता है, इसलिए यह सर्दियों में खास तौर पर फायदेमंद है। गर्मियों में बाजरे की रोटी का सेवन सीमित मात्रा में करें। सर्दियों में इसे दोपहर के भोजन में शामिल करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यह थोड़ा भारी होता है।
ज्वार की रोटी
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ज्वार की रोटी दक्षिण और मध्य भारत जैसे कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोकप्रिय है। ज्वार ग्लूटेन-फ्री होती है, जिससे यह और भी पौष्टिक बन जाती है। इसमें कैलोरी कम होती है, जो वजन नियंत्रित रखने में मदद करती है। शुगर के मरीजों के लिए ज्वार की रोटी फायदेमंद है। इसे दोपहर या रात के भोजन में शामिल किया जा सकता है।
रागी की रोटी
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रागी की रोटी शरीर में पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करती है। इसमें कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। रागी की रोटी पचने में आसान होती है। इसका सेवन सुबह नाश्ते या दोपहर के भोजन में करना सबसे बेहतर रहता है।
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