New Telecom Bill: जल्द ही अब व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल डुओ जैसे वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म पर बदलाव आने वाला है जहां पर अब पहले की तरह फ्री रहने वाली वीडियो कॉलिंग और सामान्य कॉलिंग फ्री नहीं रहेगी जीहां अब कॉलिंग करने के भी पैसे चुकाने पड़ेगें। दरअसल इसको लेकर सरकार के द्वारा एक ड्राफ्ट बिल तैयार किया गया है। जिसमें इन सेवाओं को कानून के दायरे में रख जाएगा।
जानें क्यों बदल रहे नियम
आपको बताते चलें कि, ड्राफ्ट बिल के अनुसार ओटीटी सेवाओं को भी अब दूरसंचार सेवाओं का एक हिस्सा माना जाएगा. इन सेवाओं को उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को अब इन सर्विसेज के लिए लाइसेंस लेना पडेगा. जिसका सीधा असर मोबाइल यूजर्स की जेब पर पडे़गा। जैसा कि, हम पहले रिचार्ज करवाते थे अब कॉलिग के लिए अलग से ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेगे। इसे लेकर ड्राफ्ट बिल के बारे में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि, नया टेलीकॉम बिल से, इंडस्ट्री के पुनर्गठन और नई तकनीक को अपनाने का रोडमैप तैयार होगी. बताया जा रहा है कि सरकार ने इस ड्राफ्ट पर 20 अक्टूबर तक इंडस्ट्री और लोगों से सुझाव मांगे हैं। यहां पर ड्राफ्ट में यह भी कहा जा रहा है कि, इन सेवाओं को उपब्ध कराने वाली कंपनियों को लाइसेंस के लिए फीस जमा करानी होगी, अगर कंपनी इस लाइसेंस को सरेंडर करती हैं, तो उनको फीस वापिस कर दी जाएगी।
ये सेवाएं नहीं रहेगी फ्री
आपको बताते चलें कि, नए टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 के ड्राफ्ट के अनुसार फेसबुक, व्हाट्सएप, गूगल डुओ, गूगल मीट, टेलीग्राम और जूम जैसी सेवाएं इसके दायरे में आएंगी. इसके अलावा ब्रॉडकास्टिंग सेवा, ईमेल, वॉयस, वीडियो और डाटा कम्युनिकेशन सेवाएं, वॉयस मेल, फिक्सड और मोबाइल सेवाएं, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं, ऑडियोटेक्स सेवाएं, वीडियोटेक्स सेवाएं, सेटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सेवाएं, वॉकी-टॉकी, मशीन टू मशीन सेवाएं, इंटरनेट पर आधारित कम्युनिकेशन सेवाएं शामिल की गई। यहां पर इस बिल के आने के बाद कॉलिंग की सेवा उपलब्ध कराने वाली WhatsApp या दूसरी कंपनी इसके लिए एकस्ट्रा चार्ज लेने ले सकती है या फिर कुछ सेवाओं के लिए मेंबरशिप का प्लान भी ग्राहकों दे सकती है।