Shani Ast: नवग्रहों में शनि का विशेष स्थान होता है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है। इनका असर इनकी स्थिति पर भी निर्भर करता है। वर्तमान में शनि अपने पिता सूर्य के साथ कुंभ राशि में विराजमान हैं। इस दौरान इनका प्रभाव बढ़ गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे ( 8959594400) से जानते हैं कि शनि कब अस्त (Shani Ast) होंगे। इसका राशियों पर क्या असर होगा।
शनि इस दिन हो जाएंगे अस्त
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार शनि ने 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश किया था। इसके बाद ये 13 फरवरी उदित हुए थे। इसके बाद 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने पर ये सूर्य से अलग हो जाएंगे। साथ ही इसी दिन अस्त भी होंगे।
शनि कुंभ में कब तक रहेंगे
शनि ने 17 जनवरी 2023 को शनि कुंभ में प्रवेश किया था। जो 29 मार्च 2025 तक कुंभ में रहेंगे। यानी करीब 2 साल दो महीने इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद 29 मार्च 2025 को कुंभ से मीन में चले जाएंगे। जो 2 जून 2027 तक मीन में ही रहेंगे।
वर्तमान में सूर्य कुंभ राशि में हैं। जो 15 मार्च तक इसी स्थिति में रहेंगे। इस राशि में शनि पहले से ही विराजमान हैं। यानी शनि अपने पिता सूर्य की राशि में एक साथ हैं। इस दौरान शनि के प्रभाव बढ़ जाएंगे।
वर्तमान समय में भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि की दूसरी राशि कुंभ में हैं। इसमें शनि पहले से विराजमान हैं। यानी शनि अपने पिता सूर्य (Surya Shani Yuti) के साथ एक ही राशि में विराजमान हैं। इस दौरान शनि का प्रभाव बढ़ जाएगा।
पिता के साथ होने पर शनि दिखाएंगे परिवर्तन
आपको बता दें शनि कुंभ राशि में अपने पिता सूर्य के साथ होने पर कई तरह के प्रभाव डालेंगे।
शनि की साढ़ेसाती के उपाय (Shani ke Sade Sati ke Upay)
शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय हैं। कुछ उपाय का उपयोग आप बगैर किसी से पूछे कर सकते हैं। जैसे कि शनिवार का व्रत रखना, शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर पूजा करना, शनि की पूजा करना, पीपल की परिक्रमा करना, उड़द तेल आदि का दान देना। यह उपाय बहुत कम असर डालते हैं परंतु इन उपायों से कोई नुकसान नहीं होता है।
कुछ उपाय ऐसे हैं जो तेज असर डालते हैं परंतु इनका उपयोग किसी योग्य ज्योतिषी से दिखाकर ही करना चाहिए। जैसे नीलम पहनना, तांत्रिक पूजा करना आदि। शनि की ढैया के लिए भी इन्हीं उपायों का प्रयोग किया जाता है।