Trans Fatty Acid: आज 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day 2023) मनाया जा रहा है। हृदय यानी दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए जिस खाद्य पदार्थ से सबसे अधिक बचने की सलाह दी जाती है, वह फैट्स यानी वसा (Fats)।
वसा के प्रकारों में भी ट्रांस ट्रांस फैटी एसिड (Trans Fatty Acid) को दिल की सेहत का दुश्मन माना गया है। आइए जानते हैं विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जानते हैं कि ट्रांस फैटी एसिड क्या है (What is Trans Fatty Acid?) और इसके सेवन से क्या-क्या नुकसान (Harms of Trans Fatty Acid) होते हैं?
ट्रांस फैटी एसिड क्या है – What is Trans Fatty Acid in Hindi?
ट्रांस फैटी एसिड (Trans Fatty Acid in Hindi) एक प्रकार का असंतृप्त फैटी एसिड (unsaturated fatty acids) है। रासायनिक रूप से यह कार्बन परमाणुओं के बीच एक डबल बॉन्ड से बनता है, लेकिन यह बॉन्ड एक तरफा ही होता है।
प्राकृतिक रूप से वसा की यह रसायनिक संरचना पशु उत्पादों, जैसे कि मांस, डेयरी उत्पादों और अंडे में पायी जाती है। ये बहुत हद तक स्वस्थ वसा होती हैं, यदि इनका उचित तरीके से सही मात्रा में सेवन किया जाए।
लेकिन आजकल अधिकांश ट्रांस फैट जो हम अपने आहार में लेते हैं, कृत्रिम रूप से हाइड्रोजनीकरण नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया से बनाए गए फैट्स सेहत के लिए नुकसानदेह होते है।
ट्रांस फैटी एसिड के प्रकार – Types of Trans Fatty Acids in Hindi
ट्रांस फैट की प्राप्ति (सोर्स) और निर्माण के आधार पर इसके दो मुख्य प्रकार हैं:
प्राकृतिक ट्रांस फैटी एसिड (Natural Trans Fatty Acids): पशु उत्पादों जैसे मांस, तेल, दूध आदि में ये ये ट्रांस फैटी एसिड में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। लेकिन इनमें इस फैट्स की मात्रा सीमित ही होती है। इसके सेवन से हमारे शरीर को हमारे आहार कुल उपभोग का केवल एक छोटा हिस्सा ही प्राप्त होता है।
कृत्रिम ट्रांस फैटी एसिड (Synthetic or Artificial Trans Fatty Acids): ये ट्रांस फैटी एसिड वनस्पति तेलों (vegetable oils) को हाइड्रोजनीकृत (Hydrogenation) करके बनाए जाते हैं। इससे वनस्पति तेल के असंतृप्त वसा, उच्च संतृप्त वसा (high saturated fat) में बदल जाते हैं। इसका अधिक सेवन हमारे शरीर कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ा देता है।
हाइड्रोजनीकरण क्या है – What is Hydrogenation in Hindi?
हाइड्रोजनीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें वनस्पति तेल में हाइड्रोजन गैस को मिलाया जाता है। हालांकि इससे तेल अधिक स्थिर और लंबे समय तक चलने वाला बन जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया से बने तेलों (वसाओं) में ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा काफी बढ़ जाती है।
इन खाद्य पदार्थों में होता सबसे अधिक ट्रांस फैट्स – Trans Fatty Foods
यहाँ कुछ सामान्य खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनमें सबसे अधिक ट्रांस फैटी एसिड होता है:
फैक्ट्री में बने खाद्य पदार्थ: कुकीज़, बिस्कुट और पैनकेक आदि में अक्सर ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है।
टॉपिंग में प्रयुक्त खाद्य पदार्थ: केक आदि के ऊपर प्रयुक्त टॉपिंग जैसे कि मार्जरीन यानी नकली मक्खन और मक्खन आदि में काफी ट्रांस फैट होता है।
तले हुए भोजन और खाद्य पदार्थ: तले हुए भोजन जैसे कि फ्राइड चिकन, फ्राइड पनीर, पकौड़े आदि उच्च ट्रांस फैट होते हैं।
प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) खाद्य पदार्थ: प्रोसेस्ड फूड यानी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे कि पैकेज्ड स्नैक्स और पैकेज्ड भोजन में भी ट्रांस फैट की अधिकता होती है।
ट्रांस फैटी एसिड सेवन के नुकसान – Harms of Trans Fatty Acids
ट्रांस फैटी एसिड का सेवन अनेक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। इनमें से कुछ मुख्य नुकसान इस प्रकार हैं:
हृदय रोग (Heart Disease): ट्रांस फैट्स के अधिक सेवन दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यह खराब लिपोप्रोटीन (LDL) को बढ़ावा देता है। यह लिपोप्रोटीन नसों, धमनियों और दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome): ट्रांस फैटी एसिड अधिक सेवन से मेटाबोलिक सिंड्रोम का जोखिम बढ़ सकता है। इसमें उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं समय उत्पन्न हो जाती हैं।
डायबिटीज (Diabetes): ट्रांस फैटी एसिड का अधिक सेवन डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है, क्योंकि इससे इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप बॉडी में शुगर लेवल बढ़ जाता है।
मोटापा (Obesity): ट्रांस फैटी एसिड सेवन से शरीर का वजन बढ़ जाता है। क्योंकि, यह किसी भी अन्य फैट्स के साथ तुलना में अधिक कैलोरी प्रदान करता हैं।
बुढ़ापा (Aging): ट्रांस फैट्स के सेवन से एजिंग याने बुढ़ापा की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। क्योंकि, यह नई कोशिकाओं (सेल्स) की जनन प्रक्रिया को धीमा कर देता है। साथ ही यह, पुरानी सेल्स के नष्ट होने में अधिक सहायक नहीं होता है।
यही कारण है कि ट्रांस फैटी एसिड का अधिक सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन हृदय रोग और रोगियों के लिए यह एक जहर के समान है। क्योंकि यह यह लिपिड प्रोफ़ाइल में बदलाव करके शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तरों को बढ़ा देता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा जाता है। इसलिए, ट्रांस फैट्स के अधिक सेवन से बचाव जरूरी है या इसका सेवन कम-से-कम करना चाहिए।
विश्व हृदय दिवस 2023 और थीम
हृदय से जुड़े रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता की वृद्धि के लिए प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से लोगों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से निपटने के लिए निवारक उपायों के बारे में जागरूक किया जाता है।
बता दें, दुनिया भर में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण हृदय रोग है। साल 2023 के लिए इस दिवस का थीम है: “दिल का उपयोग करें, दिल को जानें और समझें – यूज़ हार्ट, नो हार्ट / Use Heart, Know Heart”।
यानी, दिल को जानने के लिए दिल का उपयोग करें। यह थीम इस दिवस के महत्व और हृदय ज्ञान के महत्व को व्यक्त करने के लिए इमोजी के उपयोग पर जोर देता है।
ये भी पढ़ें:
>> Chhattisgarh Election 2023: बीजेपी का गढ़ है वैशाली नगर विधानसभा सीट, जानिए यहां के चुनावी समीकरण
>> MP Elections 2023: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एमपी दौरा रद्द, 1 अक्टूबर को आना था भोपाल
>> NSS Award: 52 स्वयंसेवकों को मिला श्रेष्ठ एनएसएस अवॉर्ड, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित
world heart day 2023, world heart day, world heart day 2023 in hindi, trans fatty acids, heart health, what is trans fatty acids, harm from trans fatty acids, world heart day theme, use heart know heart, ट्रांस फैटी एसिड, दिल की सेहत, ट्रांस फैटी एसिड क्या है, ट्रांस फैटी एसिड से हानि, विश्व हृदय दिवस थीम, यूज़ हार्ट, नो हार्ट