Interesting Facts: ‘दो अंजाने अजनबी चले बांधने बंधन’ आपने यह गाना कई शादियों में सुना होगा और बहुत में देखा भी होगा। आज कुछ ऐसे ही शादियों के बारें में बात करेंगे की कितने प्रकार कि शादियां होती है। आपने हिन्दू मैरीज एक्ट, मुश्लिम मैरीज एक्ट सुना होगा। क्या आप स्पेशल कोर्ट मैरिज एक्ट के बारे में जानते है ? स्पेशल कोर्ट मैरिज कैसे करते है ? स्पेशल कोर्ट मैरिज की फीस और कौन- कौन से डॉक्यूमेंट्स जरूरी है। आज हम इसके बारे में ही बात करेंगे।
किसी अन्य धर्म या जाति के व्यक्ति के साथ शादी करने की अनुमति देता है
स्पेशल मैरिज ऐक्ट 1954 देश में सिविल मैरिज या रजिस्टर्ड मैरिज के लिए बना एक कानून है जो 1954 में लागू हुआ था। इस एक्ट के तहत कानून किसी भी व्यक्ति को कुछ शर्तों के साथ किसी अन्य धर्म या जाति के व्यक्ति के साथ शादी करने की अनुमति देता है। ये कानून मुख्य रूप से दो- अलग – अलग धर्मों और जातियों के लोगों को अपनी शादी को रजिस्टर्ड करने और मान्यता देने के लिए बनाया गया था। इसमें की गई शादी एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट है, इसलिए किसी धार्मिक आयोजन ,संस्कार या समारोह करने या औपचारिकता के पालन की जरूरत नही है।
न्यूनतम फीस 1 हजार रुपये
स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के (सेक्शन 12) में शादियों की जगह और माध्यम यानी वे किस तरह से की जाएंगी इसके बारे में बताया गया है। चलिए स्पेशल मैरिज एक्ट, सेक्शन 12 को जान लेते हैं। शादी मैरिज ऑफिसर के ऑफिस में, या वहां से उचित दूरी के अंदर ऐसे अन्य स्थान पर, जैसा कि दोनों पक्ष चाहें, या ऐसी शर्तों पर और अतिरिक्त फीस देकर की जा सकती शादी है। कोर्ट मैरिज करने की न्यूनतम फीस 1 हजार रुपये है लेकिन कागजी कार्यवाही और वकिलों को लेकर ये खर्च 10 हजार से 20 हजार रुपये तक हो जाता है।
किसी की भी पहले शादी ना हुई हो
शादी करने वाले दोनों में से किसी की भी पहले शादी ना हुई हो। लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए। दोनों पक्ष शादी के लिए मानसिक रुप से सक्षम हो.यानी वे वयस्क हों और अपने फेसले लेने में सक्षम हो। दोनों पक्ष खून के रिश्ते में नही आना चाहिए। दोनों पक्ष जिस क्षेत्र में पिछले 30 दिनों से निवास कर रहे हों, उस जिले के मैरिज रजिस्ट्रार को शादी के लिए एप्लीकेशन देना होता है। इस एक्ट के सेक्शन 6 और 7 के अनुसार, शादी के एप्लीकेशन के बाद उसका नोटिस पब्लिश होता है और नोटिस के 30 दिन बाद शादी हो सकती है। बशर्ते इसे लेकर किसी ने आपत्ति न दर्ज कराई हो।
जनवरी 2021 में दिए अपने एक फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कपल न चाहें तो शादी का पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे उनके मौलिक अधिकारों और निजता का उल्लंघन होता है। 30 दिन बाद शादी मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में मैरिज ऑफिसर और तीन गवाहों की मौजूदगी में हो सकती है। देश में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत, वीडियो कॉल या ऑनलाइन शादी आम लोग भी कर सकते है लेकिन स्पेशल मैरिज एक्ट में बताई गई कुछ कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।
स्पेशल कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
स्पेशल कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट की बात कें तो आवेदन पत्र के साथ-साथ लड़का-लड़की का पासपोर्ट साइज फोटो, निवास प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट, (अगर हो तो ) तलाकशुदा मामले में तलाक के कागजात विधवा या विधुर के मामलें में मृत्यु प्रमाण पत्र, गवाहों की फोटो ,पैन कार्ड और पहचान पत्र शामिल है।
अभी कुछ दिन पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर स्पेशल कोर्ट मैरिज के तहत शादी की है। 34 साल बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और एक्टिविस्ट समाजवादी पार्टी के लीडर फहद अहमद ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 6 जनवरी, 2023 को कोर्ट मैरिज कर की है। स्वरा ने शादी के करीब डेढ़ महीने बाद इसका ऐलान किया।