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Scrappage Policy: क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी, जिसके लागू होने के बाद 8 साल से अधिक पुराने वाहनों को ग्रीन टैक्स भरना होगा

scrappage policy: क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी, जिसके लागू होने के बाद 8 साल से अधिक पुराने वाहनों को ग्रीन टैक्स भरना होगाWhat is Scrappage Policy, after which the vehicles older than 8 years will have to fill the Green Tax

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Bansal Digital Desk
Scrappage Policy: क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी, जिसके लागू होने के बाद 8 साल से अधिक पुराने वाहनों को ग्रीन टैक्स भरना होगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों को लेकर एक पॉलिसी को मंजूरी दी है। जिसका नाम है स्क्रैपेज पॉलिसी (scrappage policy)। इसका प्रभाव उन लोगों पर पड़ेगा, जिनके पास कमर्शियल वाहन हैं। ऐसे में अगर आप भी कमर्शियल वाहन का उपयोग करते हैं या आपके पास खुद का कामर्मशियल वाहन है। तो आपको इस पॉलिसी के बारे में जरूर जानना चाहिए।

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सरकार इस पॉलिसी पर लंबे समय से काम कर रही थी
सरकार ने ये पॉलिसी इसलिए लाई है ताकि कुछ समय के बाद पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाया जा सके और उनके जगह पर नई गाड़ियां आएं। ताकि ऑटो सेक्टर (auto sector) को बढ़ावा मिल सके और लोगों को इससे रोजगार। मालूम हो कि इस पॉलिसी को लाने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से काम कर रही थी। अब इसे 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा। अगर आसान भाषा में इस पॉलिसी को समझें तो यह कॉमर्शियल वाहन (Commercial vehicle) और सरकारी वाहनों के लिए है।

दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लगया जाएगा टैक्स
इसके तहत अगर कोई भी कमर्शियल वाहन आठ साल से पुराना है तो उस पर एक ग्रीन टैक्स (Green tax) का प्रावाधान किया गया है। यानी अब कॉमर्शियल वाहन के 8 साल हो जाने पर रोड टैक्स के साथ ग्रीन टैक्स भी देना होगा। साथ में आपको इसका फिटनेस टेस्ट भी करवाना होगा। ताकि परिवहन विभाग को ये पता चल पाए कि गाड़ी अभी भी फिट है और चलने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि ग्रीन टैक्स दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लगाया जाएगा।

सरकारी गाड़ी 15 साल बाद हो जाएगी कबाड़ी
वहीं इस पॉलिसी के तहत अब सरकारी वाहन 15 साल के बाद कबाड़ी के लायक हो जाएंगी। सरकार ने स्क्रैपेज पॉलिसी में कहा है कि सरकारी ट्रांसपोर्ट (Government transport) के वाहनों को 15 साल बाद स्क्रैप में तब्दील कर दिया जाएगा। इस सरकारी संगठनों के लिए आवश्यक बनाया गया है। यानी अब सड़क पर 15 साल से ज्यादा पुरानी सरकारी गाड़ियां सड़कों पर नहीं दिखेंगी। इन्हे्ं कबाड़ में बेच दिया जाएगा। हालांकि, अभी स्क्रैपेज पॉलिसी का फाइनल ड्राफ्ट आना बाकी है, जिसमें कुछ बदलाव भी किया जा सकता है।

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इस पॉलिसी से क्या होगा फायदा
इस पॉलिसी के लागू होने के बाद कई फायदे हो सकते हैं। जैसे कबाड़ बन चुकीं गाड़ियों के जगह पर नई गाड़ी सड़कों पर आएंगी। जिससे ऑटो सेक्टर को फायदा हो सकता है। वहीं सरकार ने इस पॉलिसी के लागू होने के बाद आम आदमी को इंसेनटिव देगी। जिसके तहत अगर आप कॉमर्शियल वाहन खरीदते हैं तो आपको 10 लाख रूपये की कार पर 30 फीसदी यानी कि तकरीबन 3 लाख रूपये का डिस्कांउट दिया जाएगा। हालांकि, इसकी अभी चर्चा ही हो रही है सरकार ने नई पॉलिसी में इसे लागू नहीं किया है। तीसरा फायदा होगा, पॉल्यूशन को लेकर। हम सब जानते हैं कि नई कार कम पॉल्यूशन करती है। वहीं पुरानी गाड़ियों की वजह से भारत में सबसे ज्यादा पॉल्यूशन जनरेट होता है।

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