नई दिल्ली। पद्म विभूषण पुरस्कार Padma Vibhushan को देश का दूसरा सबसे उच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। इस सम्मान को किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया जाता है। इसकी घोषणा भारत सरकार करती है और इसे राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित व्यक्ति को दिया जाता है।
कैसा होता है पद्म विभूषण
इस सम्मान की स्थापना सबसे पहले 2 जनवरी 1954 को की गई थी। इस सम्मान में कांसे का एक पदक और प्रशस्ति
पत्र दिया जाता है। पदक के केंद्र में एक कमल का फूल होता है जिसकी पत्तियां सफेद रंग की होती हैं। फूल के उपर
और नीचे पद्म विभूषण लिखा होता है। वहीं पदक के पीछे वाले हिस्से में अशोक चिन्ह बना होता है।
पदक के आकार में कई बार किया गया बदलाव
इस सम्मान को जब शुरू किया गया तो उस समय इसका आकार और बनावट वर्तमान में दिए जाने वाले पदक से काफी
अलग था। सबसे पहले बनाए गए पदक का आकार 1-3/8″ व्यास का था और इसे सोने से बनाया गया था। जिसके केंद्र
में एक कमल का फूल और उपर में पद्म विभूषण लिखा गया था जबकि नीचे में पुष्पहार बनाया गया था।
1955 में फिर से एक बार इसके आकार में बदलाव किया गया। इस बार इसके व्यास को 1-3/16″ कर दिया गया। साथ
ही इसे स्वर्ण की जगह कांसे से बनाया गया। जिसके केंद्र में कमल की चार उभरी हुई पत्तियां थी। जिसे सोने से बनाया
गया था और फूल के उपर और नीचे पद्म विभूषण लिखा गया था।
पद्म विभूषण पुरस्कार, पद्म पुरस्कारों padma prize की श्रेणी में सबसे सर्वोच्च सम्मान है। पद्म भूषण और पद्म श्री इस सम्मान के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर आते हैं।
इस सम्मान के लिए कैसे होता है चयन
पद्म पुरस्कार दिए जाने से पहले विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों का चयन किया जाता है। चयनित शख्सियतों के नामों
को पहले राज्य सरकार, केद्रीय मंत्रालय या प्रतिष्ठित संस्थान प्रधानमंत्री द्वारा गठित समिति के पास सिफारिश करते हैं।
उसके बाद समिति इन नामों पर विचार करता है। जब नाम तय हो जाते हैं तो इसे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति के
पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है। जब सभी जगह से स्वीकृति मिल जाती है तो फिर पद्म सम्मान से सम्मानित होने
वाले शख्सियतों के नामों की घोषणा की जाती है।