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Share Market: शेयर बाजार में Options क्या होता है?

What is Options in Share Market? Buyer ( Call के सन्दर्भ में ) और Seller (Put के सन्दर्भ में ) ये आज़ादी रहती है की वो एक (Underlying Asset)

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Bansal News
Share Market: शेयर बाजार में Options क्या होता है?

Mumbai : अगर आप शेयर मार्किट में एक्टिव ट्रेडिंग करते है तो ज़ाहिर है की आपने Options का नाम ज़रूर सुना होगा| Market Traders के द्वारा ये सलाह ज़रूर दी जाती है की अगर Retail Trader या Investor को मार्किट में कम अवधी में ज़्यादा पैसा कमाना है तो उन्हें अपना रुख Options की तरफ करना चाहिए| पर साथ में Options में ट्रेड करने से पहले इससे समझना ज़रूरी है, इसे बिना समझे अगर आप Share Market में ट्रेड करते है तो आपको बाज़ार में भरी नुकसान भी हो सकता है |

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आखिर क्या है Options ?

Options वैसे तो काफी विस्तरित विषय है| लेकिन इस लेख में आप Options के बारे में आसान भाषा में समझ जायेंगे| Share Market में Options का मतलब होता है किसी सौदे को करने या न करने की आज़ादी | लेकिन ये सौदे सामान्य शेयरो के सौदे से काफी अलग होते है | Options दो तरह के होते है पहले Call दूसरा Put | Options असलियत में एक ऐसा Contract होता है की जिसमे खरीददार के पास Buyer ( Call के सन्दर्भ में ) और Seller (Put के सन्दर्भ में ) ये आज़ादी रहती है की वो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति (Underlying Asset) के Contract को निश्चित तिथि आने पर या निश्चित तिथि आने से पहले Contract बेच दे, ये थोड़ा सा आपके लिए समझना मुश्किल हो सकता है लेकिन इसे हम एक उद्धरण से बेहतर समझ सकते है जैसी की,

बेहतर समझ के लिए उदहारण

हम SBI को उदहारण के रूप में ले सकते है , SBI का एक Contract, Minimum एक महीना का होता है, जिसमे Contract की शुरुआत शुक्रवार के दिन से होती है इसके अंतर्गत एक Buyer और एक Seller ये तय करते है की दोनों एक महीने बाद SBI के शेयर एक दुसरे के साथ ट्रेड करेंगे | Contract की शुरुआत में ही Buyer, Seller को ये बता देता है की एक महीने बाद वो SBI का शेयर कितने रूपए में खरीदेगा, अगर Seller मान जाता है तो Contract शुरू हो जाता है| मान लेते है है की SBI का अभी का प्राइस 100 रूपए चल रहा है और Buyer , Seller से ये कहता की वो एक महीने बाद sbi के 1000 शेयर 90 रूपए के दाम पर उससे खरीदेगा, लेकिन आप ये सोच रहे होंगे की Seller ऐसा Contract क्यों करेगा जहाँ उसे पहले से ही घाटा नज़र आ रहा हो| देखिये यहाँ फ़र्क़ है नज़रिये का, जैसा की आपको बताया है की Contract एक महीने बाद का है , तो Seller का मानना है की एक महीने बाद SBI के शेयर के दाम 100 रूपए न होकर 70 रूपए हो जाएंगे , इस तरह सेलर ये सोच रहा है की एक महीने बाद वो शेयर 90 रूपए के दाम पर बेचकर हर शेयर पर 20 रूपए कमा लेगा।

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