Advertisment

Death in Space: अगर कोई अंतरिक्ष में मर जाए तो क्या होगा? बॉडी का क्या करेंगे वैज्ञानिक

ह्यूस्टन।  मानव  को अंतरिक्ष में भेजना एक असाधारण रूप से कठिन और खतरनाक काम है। पर अगर कि क्या किया जाए ये भी एक कठिन सवाल है।

author-image
Bansal news
Death in Space: अगर कोई अंतरिक्ष में मर जाए तो क्या होगा? बॉडी का क्या करेंगे वैज्ञानिक

ह्यूस्टन।  मानव  को अंतरिक्ष में भेजना एक असाधारण रूप से कठिन और खतरनाक काम है। पर अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके शव के साथ क्या किया जाए ये भी एक कठिन सवाल है। इमैनुएल उरक्विएटा ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है। इमैनुएल उरक्विएटा, बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में स्पेस मेडिसिन और इमरजेंसी मेडिसिन के प्रोफेसर हैं।

Advertisment

अब तक अंतरिक्ष में 20 लोगों की मौत
मानव अंतरिक्ष अन्वेषण 60 साल पहले शुरू हुआ था, इसमें अब तक 20 लोग मारे गए हैं।

* 1986 और 2003 के बीच नासा अंतरिक्ष शटल त्रासदी में 14 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हुई।

*1971 के सोयुज 11 मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्री मारे गए।

* 1967 में अपोलो एक लॉन्च पैड की आग में तीन अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हुई।

Advertisment

अब क्यों ज्यादा है खतरा
मानव अंतरिक्ष उड़ान कितनी जटिल है। इसलिए यह वास्तव में उल्लेखनीय है कि अब तक इसमें बहुत कम लोगों ने अपनी जान गंवाई है। पर आगे की राह मुश्किल है। नासा की योजना 2025 में चंद्रमा पर एक दल और अगले दशक में मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की है। वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे अंतरिक्ष यात्रा आम होती जा रही है, वैसे-वैसे यह आंशका भी बढ़ती जा रही है कि रास्ते में किसी की मृत्यु हो सकती है।

फिर उठता है ये सवाल
इससे मन में एक निराशाजनक लेकिन जरूरी प्रश्न उठता है: यदि कोई अंतरिक्ष में मर जाता है - तो शरीर का क्या होता है? यदि कोई निचले-पृथ्वी-कक्षा मिशन पर मर जाता है - जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर - तो चालक दल कुछ घंटों के भीतर एक कैप्सूल में शरीर को पृथ्वी पर वापस ला सकता है।

चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मृत्यु
यदि यह चंद्रमा पर हुआ, तो दल कुछ ही दिनों में शव के साथ पृथ्वी पर वापस लौट सकता है। यदि मंगल ग्रह की 30 करोड़ मील की यात्रा के दौरान किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो जाए तो चीजें अलग होंगी। चालक दल संभवतः मुड़कर वापस नहीं जा पाएगा। मिशन के अंत में, जो कुछ साल बाद होगा, शव चालक दल के साथ पृथ्वी पर लौटने की संभावना है। चालक दल संभवतः शव को एक अलग कक्ष या विशेष बॉडी बैग में संरक्षित करेगा।

Advertisment

और भी चुनौतियां
लेकिन ये सभी परिदृश्य केवल तभी लागू होंगे जब किसी की मृत्यु अंतरिक्ष स्टेशन या अंतरिक्ष यान जैसे दबाव वाले वातावरण में हुई हो। यदि कोई व्यक्ति बिना स्पेससूट की सुरक्षा के अंतरिक्ष में कदम रखे तो क्या होगा? अंतरिक्ष यात्री तुरंत मर जाएगा।  रक्त और शरीर के अन्य तरल पदार्थ उबलने लगेंगे।

क्या बिना स्पेससूट के यात्रा संभव?

यदि कोई व्यक्ति बिना स्पेससूट की सुरक्षा के अंतरिक्ष में कदम रखे तो क्या होगा? अंतरिक्ष यात्री लगभग तुरंत मर जाएगा। दबाव कम होने और अंतरिक्ष के निर्वात के संपर्क में आने से अंतरिक्ष यात्री के लिए सांस लेना असंभव हो जाएगा, और रक्त और शरीर के अन्य तरल पदार्थ उबलने लगेंगे। चंद्रमा पर लगभग कोई वायुमंडल नहीं है। मंगल ग्रह का वातावरण बहुत पतला है, और लगभग कोई ऑक्सीजन नहीं है। ऐसे में मौत निश्चित है।

क्या होगी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया?

मान लीजिए कि अंतरिक्ष यात्री की मंगल की सतह पर उतरने के बाद मृत्यु हो गई। ऐसी दशा में दाह-संस्कार करना जरूरी नहीं है। इसके लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो जीवित दल को अन्य उद्देश्यों के लिए चाहिए होती है। दफनाना भी अच्छा नहीं है। शरीर से बैक्टीरिया और अन्य जीव मंगल ग्रह की सतह को दूषित कर सकते हैं। इसके बजाय, चालक दल संभवतः शव को एक विशेष बॉडी बैग में तब तक सुरक्षित रखेगा जब तक कि उसे पृथ्वी पर वापस नहीं लाया जा सके।

Advertisment

ये भी पढ़ें:

Kargil War Memorial: 60 दिन में 3200 किमी साइकिल चलाकर बेंगलुरु से करगिल युद्ध स्मारक पहुंचे दो छात्र, इनसे प्रेरित होकर उठाया यह कदम

Haryana Violence: हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा में इतने लोगों की गई जान, 116 लोग गिरफ्तार

Telangana Assembly: तेलंगाना विधानसभा का सत्र कल से होगा शुरू, वरिष्ठ एमआईएम विधायक प्रोटेम स्पीकर हैं

Article 370 updates: सबसे पहले आर्टिकल 370 के पक्ष में दलील देंगे सिब्बल, SC में आज से रोजाना सुनवाई

Delhi News: सिब्बल ने हरियाणा व मणिपुर में हिंसा को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, जानें क्या कहा

BJP On Panic Button Scam: भाजपा ने ‘करोड़ों रुपये के पैनिक बटन घोटाले’ का लगाया आरोप, आप ने दिया ये जवाब

Space Mission NASA Protocols Space Scientist
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें