रायपुर। CG News: छत्तीसगढ़ में आरक्षण मुद्दे को लेकर अब भी माहौल गरम है। राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। वहीं मामले में राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन का कहना है कि मैं राज्यपाल हूं, ये राजनीतिक विषय है। राज्यपाल की कुछ सीमाएं होती हैं। इस मामले में सीएम से बात करें।
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राजभवन में बिल साढ़े 4 महीने से अटका
वहीं मामले में सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि राजभवन में बिल साढ़े 4 महीने से अटका है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कल पीएम को पत्र लिखा, लेकिन उधर से जवाब नहीं आया।
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कांग्रेस की शुरू से ही यह आदत
इधर, पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने हिसाब से महामहिम को चलाना चाहते हैं। कांग्रेस की शुरू से ही यह आदत रही है। आरक्षण के मुद्दे को लेकर तथ्यों को तोड़ मरोड़ के रख रहे हैं। पत्रबाजी करके लोगों को गुमराह न करें। न्यायालय का जवाब आने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
किसके लिए कितना दिया जाना है आरक्षण
अनुसूचित जनजाति – 32%
अनुसूचित जाति वर्ग – 13%
पिछड़ा वर्ग – 27%
ईडब्ल्यूएस – 4%
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आरक्षण विधेयक मामले में पटाक्षेप हो चुका
बता दें कि आरक्षण विधेयक मामले में बीते दिनों ही पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन कह चुके हैं कि यह मामला पिछले गवर्नर के समय का है, जो विवादित था। यह स्थिति सभी लोग जानते हैं। विवाद के चलते इस मामले के उसी समय पटाक्षेप हो चुका है। अब इसपर बात करने का कोई औचित्य नहीं है।
बात दें कि प्रदेश में काफी लंबे समय से आरक्षण का मुद्दा चला आ रहा है, जो राजनैतिक पार्टियों के बीच भी आए दिन बहस और आरोप-प्रत्यारोपों का कारण बना रहता है। सताधारी कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी के बीच लगातार प्रदेश में आरक्षण मुद्दे पर बयानबाजी चलती रहती है।