बारिश का मौसम शुरु हो चुका है। इस समय देश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात बने हुए है। देश की राजधानी दिल्ली में तो बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं देश के पहाड़ी हिस्सों में भी भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। फिलहाल पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से लोगों काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा हैं।
ऐसे में मौसम विभाग की ओर से लोगों को सर्तक करने के लिए समय-समय पर अर्लट जारी किए जाते हैं। तो इस रिपोर्ट में आज हम जानेगें कि इन अर्लट का क्या मतलब होता और कौन अर्लट के वक्त हमें क्या करना चाहिए।
क्या होता है येलो अलर्ट का मतलब ?
यलो अर्लट तब लगाया जाता है जब किसी राज्य में बारिश कि संभावना होती है। बता दें कि येलो अर्लट में 64.5 से लेकर 115.5 मिमी तक बारिश होने की आशंका रहती है। मौसम विभाग की ओर से येलो अर्लट का मतलब होता है।
फिलहाल बारिश का कोई खतरा नहीं है लेकिन यह स्थिति आगे बनी नहीं रह सकती है। मौसम अचानक भी बदल सकता है। इसलिए मौसम विभाग लोगों को अर्लट रहने की चेतावनी भी देता रहता है। येलो अर्लट में बारिश की 2 घंटे तक पानी गिरने की संभावना रहती है।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब
जब मौसम खराब स्थिति में हो साथ ही भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई हो तो उस समय ऑरेंज अर्लट जारी किया जाता है। इस अर्लट के दौरान 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बारिश होने की उम्मीद होती है।
मौसम विभाग ऑरेंट अर्लट में घर में रहने की सलाह देता है। इस अर्लट में हवा की रफ्तार 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से चलने की संभावना जारी की जाती है। इस अर्लट में बाढ़ का खतरा भी बना रहता है।
रेड अर्लट कब होता जारी
जब किसी राज्य के इलाके में बहुत भारी बारिश की संभावना होती है। तो ऐसे में मौसम विभाग की ओर से रेड अर्लट जारी किया जाता है। इस हैवी रेनफॉल अर्लट भी कहा जाता है। रेड अर्लट के दौरान 204.4 मिमी बारिश होने की संभावना होती है। बाढ़ के स्थिति रेड अर्लट के चलते ही निर्मित होती है।
जब कहीं अचानक बादल फटने की घटना हो जाए या इलाके की नदिया खतरे के निशान के ऊपर बहने लगे तो ऐसे में रेड अर्लट होता है। रेड अर्लट में पाहाड़ी इलाके में हादसे संभावानाएं बी बढ़ जाती है। इसलिए मौसम विभाग के लिए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेतावनी जारी करता है। रेड अर्लट में लोगों बेहद सी सावधानी बरतनी पड़ती है।
ग्रीन अलर्ट क्या है
ग्रीन अलर्ट का मतलब होता है अब मौसम ठीक हो चुका है। मौसम से जुड़ा कोई भी खतरा फिलहाल नहीं है। मौसम विभाग की ओर अमूमन ग्रीन अलर्ट जारी नहीं किया जाता है।
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