West Central Railway Budget: मध्यप्रदेश में इंदौर से जबलपुर तक नई रेल लाइन बनेगी। कटनी से बीना तक तीसरी लाइन बनेगी। मदनमहल और हाऊबाग स्टेशनों के कोचिंग टर्मिनल के लिए 15 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा स्टेशनों के विकास के लिए 201 करोड़ खर्च किए जाएंगे। रेल मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे को आवंटित खर्च और प्राप्तियों के विवरण की रेगुलर बजट पिंक बुक जारी की है।
पश्चिम मध्य रेलवे को मिला 93 करोड़ ज्यादा बजट
पश्चिम मध्य रेल को रेगुलर बजट 2024-25 में नेट प्लान आउटले 9491 करोड़ का है। फरवरी में अंतरिम बजट 2024-25 में नेट प्लान आउटले 9398 करोड़ था। इसका मतलब है कि 93 करोड़ ज्यादा बजट मिला है।
परियोजनाओं के लिए बजट का आवंटन
पश्चिम मध्य रेलवे की नई लाइनों पर 2480 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रेल लाइनों को डबल और ट्रिपल करने के लिए 1372 रुपए खर्च किए जाएंगे। ट्रैफिक फेसीलिटिस-यार्ड रिमॉडलिंग पर 140 करोड़ खर्च होंगे। रोड सेफ्टी वर्क (लेवल क्रोसिंग) के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान है। रोड सेफ्टी वर्क के तहत 627 करोड़ की लागत से रेलवे अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज बनेंगे। ट्रैक रिन्युवल पर 970 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
नई रेल लाइन और परियोजनाओं पर खर्च
ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो 541 किलोमीटर नई रेललाइन के लिए 850 करोड़ खर्च होंगे। रामगंजमंडी-भोपाल 262 किलोमीटर नई रेललाइन के लिए 523 करोड़ खर्च होंगे। इंदौर-जबलपुर 342 किलोमीटर नई रेललाइन के लिए 1107 करोड़ खर्च होंगे। बुदनी-बरखेड़ा तीसरी लाइन के लिए 200 करोड़ खर्च होंगे। कटनी-सिंगरौली 261 किलोमीटर दोहरीकरण के लिए 400 करोड़ खर्च होंगे। कटनी-बीना 278 किलोमीटर तीसरी लाइन के लिए 350 करोड़ खर्च होंगे। कटनी ग्रेड सेपरेटर वायडक्ट 21.5 किलोमीटर के लिए 300 करोड़ खर्च का प्रावधान है।
यात्रियों की सुविधाओं पर 379 करोड़ खर्च
पश्चिम मध्य रेलवे में ब्रिज और टनल वर्क के लिए 121 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन के लिए 236 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इलेक्ट्रिकल वर्क टीआरडी के लिए 105 और कारखाने एवं उत्पादन इकाइयों पर 103 करोड़ खर्च होंगे। यात्रियों की सुविधाओं के लिए 379 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
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स्टेशनों के विकास पर खर्च होंगे 201 करोड़
मदनमहल और हाऊबाग स्टेशनों के कोचिंग टर्मिनल के लिए 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज और हाई लेवल प्लेटफॉर्म कार्य के लिए 75 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। माल गोदामों को विकसित करने और आधुनिक बनाने के लिए 36 करोड़ खर्च किए जाएंगे। स्टेशनों के विकास पर 201 करोड़ रुपए खर्च होंगे।