Welcome 2024: सागर के नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी के बाद इसका नाम वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व किया गया है।
यह प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व होगा। इसमें सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले के करीब 1,41,400 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है।
नौरादेही अभयारण्य को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान ने वैज्ञानिक अध्ययन के बाद भविष्य में चीतों के लिए उपयुक्त क्षेत्र माना है। केंद्रीय एजेंसी की सहमति मिलने के बाद नौरादेही में चीतों के शिफ्ट होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
इसके साथ ही नए टाइगर रिजर्व से पर्यनट को बढ़ावा मिलेगा। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने में मदद होगी। क्योंकि ये प्रोजेक्ट सीधे तौर पर 3 जिलों से जुड़ा है।
भोपाल मेट्रो प्रजोक्ट
मप्र में भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट मंजूरी 30 नवंबर 2018 को मिली थी। इसका एमओयू साइन 19 अगस्त 2019 को हुआ था। इसके बाद ज्वांइट वेंचर की पहली बैठक 29 दिसंबर 2020 को हुई थी।
प्रायरिटी कारिडोर में ट्रायल रन की सयम सीमा सितंबर 2023 की गई थी। भोपाल मेट्रो का पहला ट्रायल रन सुभाष नगर से रानीकमलापित स्टेशन तक 3 अक्टूबर 2023 को किया गया था। मप्र भोपाल मेटो प्रोजेक्ट की कुल लागत 6,941 करोड़ रुपये है। इसमें प्रायरिटी कारिडोर 6.2 किलोमीटर शामिल है।
देश में मई 2024 तक लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर का काम भी करीब 10 प्रतिशत बचा है। इसके पूर्ण होते ही कामर्शियल रन के लिए टेस्टिंग की जाएगी। अधिकारी संभावना जता रहे हैं कि अप्रैल 2024 के आखिरी सप्ताह तक मेट्रो का संचालन शुरु हो जाएगा।
इंदौर मेट्रो प्रोजक्ट
इंदौर शहर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी। इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है।
1 अक्टूबर 2023 को शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.9 किलोमीटर के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर तीन डिब्बों वाली मेट्रो रेल का ट्रायल रन किया गया था। लेकिन इंदौर मेट्रो में यात्रा वे जून 2024 तक ही शुरू हो पाएगी।
ग्लोबल स्किल पार्क
राजधानी भोपाल ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण 36 एकड़ में करीब 600 करोड़ रुपए से किया गया है। ग्लोबल स्किल्स पार्क में 9 कोर्सेस में 2160 की वार्षिक क्षमता के साथ प्रवेश दिया जाएगा। प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। जिसे आगे 6 हजार युवाओं को एक साथ प्रशिक्षण देने तक बढ़ाया जाएगा।
ग्लोबल स्किल्स पार्क में 70 प्रतिशत प्रायोगित प्रशिक्षण अत्याधुनिक लैब में उद्योगों की वर्तमान जरूरत के अनुसार दिया जाएगा। यहां पर सेंटर फॉर ऑक्यूपेशनल स्किल्स एक्वीजीशन के अंतर्गत देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित उद्योगों की सहभागिता से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
12 ट्रेड में प्रशिक्षण
संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क में 12 ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें प्रिसिजन इंजीनियरिंग, मेकाट्रोनिक्स, मोबाइल इलेक्ट्रोनिक्स, पॉवर एंड कंट्रोल, नेटवर्किंग एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग, मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज, ऑटोमेटिव टेक्नोलॉजी, मेकेनिकल टेक्नोलॉजी, ऑगमेंटेड रियलिट/ वर्चुअलरियलिटी, साइबर रियलिटी और ई-स्पोर्ट्स ट्रेंड में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
34 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प
अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल भूमिपूजन करेंगे। देश भर के 506 रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट के लिए पीएम मोदी वर्चुअल भूमिपूजन करेंगे। इनमें मध्यप्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का भी 982.3 करोड़ रुपए की लागत से भूमिपूजन किया जाएगा।
री-डेवलपमेंट पर 982.3 करोड़ होंगे खर्च
34 रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट पर कुल 982.3 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इन स्टेशनों का विवरण इस तरह है। इसमें कटनी जंक्शन के री-डेवलपमेंट पर 30 करोड़ खर्च होंगे। इसका भी भूमिपूजन 6 अगस्त को होगा। वहीं 31.7 की लागत से बैतूल रेलवे स्टेशन का भी री-डेवलपरमेंट होगा। होशंगाबाद जिले की इटारसी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 29.9 करोड़ से री-डेवलपमेंट होगा।
केन बेतवा लिंक परियोजना
Ken-Betwa Link Project: अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। केन-बेतवा लिंक परियोजना को दिसंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुल 44,605 करोड़ रुपए की लागत की KBLP परियोजना को मंज़ूरी दी थी।
यह बहुउद्देश्यीय परियोजना बाँध के निर्माण से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी, बल्कि 103 मेगावाट जल-विद्युत के उत्पादन के साथ ही 62 लाख लोगों हेतु पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
परियोजना से बुंदेलखंड के उप्र और मप्र के 12 जिलों को पानी मिलेगा। मप्र के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी को पानी मिलेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी।
इस परियोजना में 77 मीटर लंबा तथा 2 किमी. चौड़ा दौधन बांध (Dhaudhan Dam) एवं 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण कार्य शामिल है।
केन-बेतवा देश की 30 नदियों को जोड़ने हेतु शुरू की गई नदी जोड़ो परियोजनाओं (River Interlinking Projects ) में से एक है।
केन और बेतवा नदी
केन और बेतवा नदियों का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में है, ये यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
केन नदी उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में यमुना नदी में मिलती है तथा बेतवा नदी से यह उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में मिलती है।
राजघाट, पारीछा और माताटीला बाँध बेतवा नदी पर निर्मित हैं।
केन नदी पन्ना बाघ अभयारण्य से होकर गुज़रती है।
परियोजना एक नजर में
लागत : 44 हजार 605 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार देगी : 90 प्रतिशत राशि
राज्य सरकारें देंगी : 5-5 प्रतिशत राशि
केन-बेसिन से उप्र में सिंचाई : 2.27 लाख हेक्टेयर
केन-बेसिन से मप्र में सिंचाई : 4.47 लाख हेक्टेयर
बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई : 2.06 लाख हेक्टेयर
मध्य प्रदेश के हिस्से में जाएगी : बिजली
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