मुंबई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि देश भर से दक्षिणपश्चिम मानसून करीब 26 अक्टूबर तक विदा हो जाएगा जिससे उत्तरपूर्वी मानसून के आने का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। उत्तर पश्चिम भारत से देर से विदा होने के बाद दक्षिणपश्चिम मानसून अब भी देश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है। दक्षिण-पश्चिम मानसून वापसी वर्तमान में कोहिमा, सिलचर, कृष्णानगर, बरीपदा, मलकानगिरी, नलगोंडा, बगलकोट और वेंगुर्ला से होती है।
आईएमडी ने कहा, पूर्वोत्तर भारत के शेष हिस्सों, बंगाल की समूची उत्तरी खाड़ी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के शेष हिस्सों, मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों, गोवा, कर्नाटक के कुछ और हिस्से और मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्से में 23 अक्टूबर के आसपास से दक्षिण-पश्चिम मानसून के और पीछे हटने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
मौसम विभाग ने कहा, “बंगाल की खाड़ी और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत पर निचले क्षोभमंडल (पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे निचला स्तर) स्तरों में उत्तरपूर्वी हवाओं के आने की संभावना के साथ, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 26 अक्टूबर 2021 के आसपास पूरे देश से चले जाने की संभावना है। इसके साथ ही, उत्तरपूर्वी मानसून की बारिश की भी लगभग 26 अक्टूबर 2021 से दक्षिण पूर्व प्रायद्वीपीय भारत में शुरू होने की संभावना है।”
उत्तर पूर्वी मानसून तमिलनाडु, केरल के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी में बारिश लाता है। उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी छह अक्टूबर को शुरू हुई। यह 1975 के बाद से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी में हुई दूसरी सबसे अधिक देरी थी। 2019 में उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी नौ अक्टूबर को शुरू हुई थी। आम तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी उत्तर पश्चिम भारत से 17 सितंबर से शुरू हो जाती है हालांकि दक्षिणपश्चिम मानसून देश के कुछ हिस्सों में सक्रिय रहता है।