वाशिंगटन। इंसानी गतिविधियों के कारण बीते 150 सालों के दौरान जिस रफ्तार से वैश्विक तापमान बढ़ा है वैसा करीब 24,000 साल पहले हिमयुग के बाद से कभी नहीं देखा गया। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अमेरिका के एरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में दल ने यह भी सत्यापित किया कि पिछले हिमयुग के बाद से जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारक हरित गैस सांद्रता में वृद्धि और बर्फ की चादरों का पीछे हटना है।
हाल ही में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन, पिछले 10,000 वर्षों में एक सामान्य तापमान प्रवृत्ति का सुझाव देता है और इस बारे में एक दशक से चली आ रही बहस को सुलझाता है कि क्या यह अवधि पुरापाषाण विज्ञान समुदाय में गर्म या ठंडी थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि पिछले 150 वर्षों में तापमान का परिमाण और दर पिछले 24,000 वर्षों में परिवर्तन के परिमाण और दर से कहीं अधिक है।
एरिजोना विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक और अध्ययन की सह लेखिका जेसिका टियरने ने कहा, “यह पुनर्निर्माण बताता है कि वर्तमान तापमान 24,000 वर्षों में अभूतपूर्व है, और यह भी बताता है कि मानव-जनित वैश्विक तापमान की गति उस समय की तुलना में तेज है, जो हमने उसी अवधि में देखी है।” एरिज़ोना विश्वविद्यालय में भू-विज्ञान पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता और अध्ययन के मुख्य लेखक मैथ्यू उस्मान कहते हैं, “तथ्य यह है कि हम आज भी उस सीमा से बहुत दूर हैं जिसे हम सामान्य मान सकते हैं, यह चेतावनी की वजह है और सभी के लिए चौंकानेवाली होनी चाहिए।”
अध्ययनकर्ताओं के दल ने 24,000 साल पहले हर 200 साल के अंतराल के लिए वैश्विक तापमान परिवर्तन के नक्शे बनाए। अनुसंधानकर्ताओं ने अतीत की एक ज्यादा पूर्ण तस्वीर के लिए दो स्वतंत्र आंकड़ों के सेट – समुद्री तलछट से तापमान का आंकड़ा और जलवायु के कंप्यूटर सिमुलेशन का आंकड़ा- को जोड़ा। उन्होंने पिछले तापमान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए समुद्री तलछट के रासायनिक संकेतों को देखा।