weather affects mood : अगर आप भी अपने बदलते मिजाज या मूड स्विंग्स जैसे समस्याओं का सामने कर रहें है तो इसका एक कारण मौसम भी हो सकता है। हो गए न हैरान?अभी तक आपको लगता होगा कि मूड स्विंग्स एक वैज्ञानिक कारण है। लेकिन यह सिर्फ वैज्ञानिक कारण नहीं बल्कि इसके पीछे मौसम भी हो सकता है। यही वजह है ठण्ड के दिनो में हमें उदासी सी लगती है और इनदिनों हम मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं से भी गुजर रहे होते हैं | हालाँकि सिर्फ ये सिर्फ मौसम तक सीमित नहीं है बल्कि मौसम बदलने पर अक्सर ऐसा होता है।
मौसम के कारण मूडस्विंग्स का है वैज्ञानिक कारण
मौसम के कारण मूडस्विंग्स होना वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। वैज्ञानिक इसे विंटर ब्लूज़ या सीजनल डिसऑर्डर कहते है, लेकिन क्या सर्दियों असर हमारे मानसिक स्वस्थ्य पर पड़ता है आइये जानते है विषेशज्ञों की इस पर राय और टिप्स।
कैसे प्रभावित करता है ठंड का मौसम हमारा मूड?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और सूरज की रोशनी कम मिलती है, जिससे हमारे शरीर के हार्मोनल बैलेंस और मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है।
सूरज और सेरोटोनिन का स्तर
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च बताती है कि सूरज की रोशनी हमारे मूड को प्रभावित करने वाले हार्मोन सेरोटोनिन (Serotonin) के स्तर को नियंत्रित करती है।
सर्दियों में कम धूप मिलने से सेरोटोनिन का स्तर गिर जाता है, जिससे लोग उदासी, थकान और मूड स्विंग्स का अनुभव कर सकते हैं।
विटामिन डी की कमी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, सूरज की रोशनी से शरीर में विटामिन डी बनता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।
सर्दियों में धूप कम मिलने से विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है, जिससे अवसाद (डिप्रेशन) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मेलाटोनिन हार्मोन
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर में मेलाटोनिन (Melatonin) हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है।
मेलाटोनिन शरीर को ज्यादा आराम देने वाला हार्मोन है, जिससे लोग अधिक सुस्ती, थकान और नींद महसूस करते हैं।
कैसे रखें मूड को खुशहाल?
धूप में समय बिताएं -सुबह के समय कम से कम 20-30 मिनट धूप में बैठें, जिससे शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सके।
अगर बाहर जाना संभव न हो, तो घर की खिड़कियां खोलें और प्राकृतिक रोशनी अंदर आने दें। विटामिन डी युक्त आहार लें , नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
थैरेपी और मेडिटेशन अपनाएं
मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
यदि मूड स्विंग्स अधिक हो रहे हैं, तो किसी थेरेपिस्ट या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें