Sawan Saree Designs: सावन सोमवार हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो हर साल सावन महीने की पहली सोमवार को मनाया जाता है। यह दिन शिवभक्ति का प्रतीक होता है और श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।
इस दिन व्रति लोग शिवलिंग पर जल, दूध, फूल और बेल पत्र अर्पित करते हैं, और व्रत रहकर विशेष रूप से शिव मंत्रों का जाप करते हैं। अगर आपके घर पर भी सावान सोमवार की पूजन रखने जा रहें हैं तो आप पूजा में ये साड़ियां पहन सकती हैं.
बांधनी साड़ी (Bandhani Saree)
राजस्थान और गुजरात की प्रसिद्ध बांधनी साड़ियाँ हरियाली तीज पर पहनने के लिए बहुत ही सुन्दर होती हैं। इन साड़ियों पर हाथ से बांधकर रंगे हुए डिज़ाइन होते हैं।
आपको इस साड़ी में लहरिया बांधनी, मुंगा बांधनी, एन्ग्राखा बांधनी, चूंदड़ी बांधनी, श्याही बांधनी, ट्रडिशनल बांधनी, शिकारी बांधनी, बनारसी बांधनी, गोटा पट्टी बांधनी डिज़ाइन मिलेंगे.
लहरीया साड़ी (Leheriya Saree)
यह भी राजस्थान की एक खास शैली है जिसमें साड़ी पर लहराती हुई रेखाएं होती हैं। यह साड़ियाँ बहुत ही रंग-बिरंगी और आकर्षक होती हैं। लीहरीया साड़ी राजस्थान की पारंपरिक और आकर्षक साड़ी है, जो अपने विशिष्ट लहरदार डिज़ाइन के लिए जानी जाती है।
यह साड़ी मुख्य रूप से कोटा और जयपुर में बनाई जाती है और इसका नाम “लीहरीया” इस लहरदार पैटर्न से आया है जो देखने में समुद्र की लहरों जैसा दिखता है।
चंदेरी साड़ी (Chanderi Saree)
मध्य प्रदेश की चंदेरी साड़ी हल्की और आरामदायक होती हैं। चंदेरी साड़ी, मध्यप्रदेश के चंदेरी शहर की प्रसिद्ध वस्त्र कला है। यह साड़ी अपनी महीन बुनाई, हल्के कपड़े और सोने-चांदी के धागों से बने आकर्षक पैटर्न के लिए जानी जाती है।
चंदेरी साड़ी में पारंपरिक कलाकारी की झलक देखने को मिलती है, जिसमें शानदार डिजाइन और बारीक कढ़ाई का बेहतरीन मेल होता है।
बनारसी साड़ी (Banarasi Saree)
बनारसी साड़ी का प्राचीन और पारंपरिक डिज़ाइन हरियाली तीज पर एक खास रंग भर देता है। बनारसी साड़ी भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री का एक ऐतिहासिक हिस्सा है, जो बनारस (वाराणसी) की धरोहर का प्रतीक है।
यह साड़ी अपनी विशेष बुनाई, शानदार सिल्क और चमकदार ज़री (सुनहरे या चांदी के धागे) के लिए जानी जाती है।
कांजीवरम साड़ी (Kanjivaram Saree)
दक्षिण भारत की यह साड़ी अपनी समृद्धता और चमक के लिए फेमस है। यह साड़ी हरियाली तीज के लिए बहुत ही खास होती हैं। कांजीवरम साड़ी दक्षिण भारतीय कपड़ों की धरोहर है, जिसे मुख्य रूप से तमिलनाडु के कांजीवरम शहर में तैयार किया जाता है।
ये साड़ियाँ अपनी भव्यता, रंगीनता और रेशमी धागों के मिक्सचर के लिए फेमस हैं। कांजीवरम साड़ी की विशिष्टता उसकी जटिल बुनाई, सोने और चांदी के तारों का उपयोग, और पारंपरिक शिल्पकारी में छिपी होती है।
कोटा डोरिया साड़ी (Kota Doria Saree)
कोटा, राजस्थान की यह साड़ी हल्की और आरामदायक होती है, जो हरियाली तीज के लिए बढ़िया आप्शन है। कोटा डोरिया साड़ी राजस्थान की एक अनूठी और खूबसूरत साड़ी है जो कोटा नामक शहर से आती हैं।
यह साड़ी अपनी ट्रांसपेरेंट और हल्की बनावट के लिए फेमस है, जो गर्मियों में पहनने के लिए बहुत आरामदायक होती है। इसकी बुनाई में महीन और काम्प्लेक्स डिजाइनें होती हैं.