Water Price Increase Pani ke Rate : रोटी, कपड़ा और मकान व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। ऐसे में इन्हीं जरूरतों को लेकर सरकार आम जनता को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। खबरों के अनुसार प्रदेश सरकार पानी के रेट (Pani ke Rate) बढ़ाकर आम जनता की जेब ढ़ीली करने की तैयारी में हैं।
जी हां प्रदेश सरकार द्वारा बहुत जल्द जल जीवन मिशन और पेयजल परियोजनाओं की लागत निकालने के लिए पानी के दाम महंगे करने जा रही है।
1 करोड़ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
आपको बता दें जलदाय विभाग (Water Supply Department) में ऐसी खबरें हैं कि जहां कार्पोरेशन के क्रियाशील होते ही इसके असर से प्रदेश के करीब एक करोड़ पंजीकृत उपभोक्ताओं प्रभावित होंगे। यानी इनकी जेब पर सीधा असर (Water Price Increase Effect) इस निर्णय से पड़ेगा। वित्त विभाग द्वारा जो फार्मूला सुझाया गया है। उसे अब अमलीजामा पहनाने की तैयारियां आखिरी दौर में है।
पानी के रेट बढ़ाने का कारण
आपको बता दें जल जीवन मिशन और पेयजल परियोजनाओं की लागत निकालने के लिए सरकार बहुत जल्द राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉर्पोरेशन (Rajasthan Water Supply and Sewerage Corporation) को क्रियाशील करने की तैयारी में लगी है।
इसी के आधार पर खबरें आ रही हैं कि जिस तरह बिजली कंपनियां (Electricity companies) बना कर बिजली को महंगा कर दिया गया है उसी तरह पानी को भी महंगा किया जाएगा।
कितना महंगा हो जाएगा पानी
जानकारों की मानें एक हजार लीटर पानी की कीमत 17 गुना बढ़ाकर 50 रुपए प्रति हजार लीटर तक बढ़ाई जा सकती है।
नहीं निकल पा रही परियोजना की लागत
जलदाय अधिकारी अभी तक तर्क देते रहे हैं कि जयपुर और प्रदेश में पेयजल से जो भी राजस्व आ रहा है, उससे परियोजनाओं की लागत निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। इतना ही खबरों के अनुसार अकेले जयपुर शहर में ही कई पेयजल परियोजनाएं 500 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत वाली हैं।
कई बार कोशिश, पर नहीं बढ़ पाए थे दाम
आपको बता दें इससे पहले भी कई बार पानी के रेट बढ़ाने की कोशिश की गई थी लेकिन लोगों की नाराजगी के चलते सरकारें इस मामले में चुप्पी साधती रही हैं।
50 प्रतिशत मीटर खराब, कैसे होगी रीडिंग
अगर पानी के रेट बढ़ते हैं तो सबसे बड़ी समस्या मीटर रीड़िंग को लेकर आएगी। वो इसलिए क्योंकि जलदाय विभाग के इंजीनियरों के अनुसार कॉर्पोरेशन के स्तर पर अगर प्रति हजार लीटर पानी की दर 17 गुना कर दी जाती है तो भी ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि 50 प्रतिशत जल कनेक्शन तक मीटर खराब पड़े हैं। इसलिए जब मीटर खराब हैं तो सही रीडिंग नहीं हो पाएगी। ऐसे में रेट बढ़ाने के बाद भी राजस्व नहीं मिलेगा।
शुरू हुआ विरोध
आपको बता दें राजस्थान की भजनलाल सरकार की इस तैयारी के बाद गांधी नगर कार्यालय में प्रदर्शन शुरू हो गया है। कार्पोरेशन के क्रियाशील करने का जलदाय इंजीनियरों ने विरोध तेज कर दिया है।
बीते दिन बुधवार को संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक भवनेश कुलदीप व विभाग के वरिष्ठ इंजीनियरों के नेतृत्व में ये प्रदर्शन किया गया।
संघर्ष समिति के सदस्य विजय सिंह राजावत के अनुसार कॉर्पोरेशन के क्रियाशील होते ही पानी महंगा होगा और फिर जलदाय कर्मियों की सेवा शर्तों पर असर आएगा। इसका असर आम जनता पर पड़ेगा।
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