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Sai Baba Chand Miyan : बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बीते महीनों से अपने बयानों और अपनी शक्तियों को लेकर दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए है। वैसे तो बागेश्वर सरकार का विवादों से पुराना नाता रहा है। हाल ही में उनके एक बयान को लेकिर फिर से विवाद छिड़ गया है। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने साई बाबा को को चांद मियां बताया था। जिसके बाद से मामला तूल पकड़ने लगा है।
बागेश्वर बाबा का बयान
दरअसल, बागेश्वर सरकार ने एक टीवी शो के दौरान साईं बाबा को चांद मियां बताया, उन्होंने कहा कि हम उस वक्त नहीं थे, अगर होते तो पता चलता की वह टोपी पहनते है या फिर माला पहनते थे। तो हम बता पाते की साईं बाा हिंदू थे या ​मु​सलमाल? कोर्ट और एक पत्रकार ने जो कहा, हमने वो सुना है। इससे पहले भी साईं बाबा को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वीत भी सवाल उठा चुके है। उनका कहना था की शिरडी में साईं बाबा की मजार बनी हुई है। क्यों​कि हिंदुओं में समाधि दी जाती है। इससे साबित होता है कि वह मुस्लिम थे। उनका कहना था की जहां मजार बनी है। वहां उनकी मूर्ति लगा दी गई है। साईं बाबा के विरोधियों का कहना है कि वह हिंदू नहीं थे वह मुस्लिम थे।
चांद मिया का साईं बाबा से कनेक्शन?
दरअसल, बताया जाता है कि साईं बाबा का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले के पाथरी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गोविंद भाऊ था वही उनकी माता का नाम देवकी अम्मा था। गोविंद भाऊ के पांच बेटे थे, जिनमें से साईं बाबा तीसरे नंबर के बेटे थे। रही बात चांद मियां से साईं बाबा के कनेक्शन की तो साईं बाबा के पैतृक घर के पास में ही एक मुस्लिम परिवार रहता था। उस परिवार के मुखिया का नाम चांद मियां था। बताया जाता है कि उनकी कोई संतान नहीं थी। हरिबाबू यानी कि साईं बाबा उनके घर पर अपना काफी समय बिताया करते थे। चांद मियां की बीबी भी हरिबाबू को अपने बेटे की तरह मानती थीं। उन्हें चांद मियां कहे जाने के तार यहीं से जुड़े हैं।
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