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Neet Paper Leak 2024: छत्तीसगढ़ में व्यापमं PMT पेपर लीक के बाद नीट पेपर में आया फेमस विधायक का नाम, जा चुके हैं जेल

Neet Paper Leak 2024: व्यापमं ने 18 जून 2011 को हुए सीजी पीएमटी पेपर लीक के बाद विधायक बेदीराम का नाम नीट पेपर लीक मामले में भी सामने आया है।

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aman sharma
Neet Paper Leak 2024: छत्तीसगढ़ में व्यापमं PMT पेपर लीक के बाद नीट पेपर में आया फेमस विधायक का नाम, जा चुके हैं जेल

Neet Paper Leak 2024: नीट पेपर लीक मामला 2024 में उत्तर प्रदेश के जखनिया विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदीराम का नाम सामने आ रहा है। जखनिया सीट से विधायक का नाम नीट पेपर लीक में पकड़े गए आरोपी बिजेंद्र गुप्ता ने लिया था। विधायक के तार नीट पेपर लीक के अलावा छत्तीसगढ़ पीएमटी पेपर लीक मामले से भी जुड़े हुए हैं।

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दरअसल, जखनिया विधानसभा सभा सीट से विधायक बेदीराम को साल 2011 में छत्तीसगढ़ पीएमटी पेपर लीक केस में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इसके आरोप के लिए जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

इसके बाद साल 2018 में छत्तीसगढ़ पीएमटी पेपर लीक मामले में सबूतों के अभाव में रायपुर कोर्ट ने विधायक बेदीराम समेत मुख्य आरोपियों, मनीष सिंह, अखिलेश पांडेय और दीनाराम को बरी कर दिया था। छत्तीसगढ़ का यह पहला पेपर लीक कांड था।

विधायक पर 8 केस दर्ज

निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्यों की सूची में बेदीराम, पिता मन्नु राम जाटव का नाम मिला है। विधायक ने अपने हलफनामे में साफ लिखा है कि उनपर अलग-अलग राज्यों में आठ मामले दर्ज हैं।

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उनका नाम पेपर लीक मामले में एक,दो या तीन बार नहीं बल्कि कई बार सामने आ चुका है, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद भी जांच एजेंसियों के हाथ अभी तक बेदीराम तक नहीं पहुंच पाए हैं। जांच एजेंसियों का विधायक बेदीराम तक नहीं पहुंच पाने का एक मुख्य कारण उनका राजनीतिक संरक्षण भी माना जा रहा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से वर्तमान विधायक बेदीराम का नाम सबसे पहले 2006 में रेलवे परीक्षा भर्ती पेपर लीक नाम में सामने आया था।

बलि बकरे की देते हैं शेर की नहीं- बेदीराम

नीट पेपर लीक मामले के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से उत्तर प्रदेश की जखनिया विधानसभा सीट से वर्तमान विधाक बेदीराम का नाम इस मामले में सामने आने पर उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बलि बकरे की दी जाती है शेर की नहीं और मैं शेर नहीं, बकरा हूं।

मेरा 100 विधायकों में टॉप 10 में नाम शामिल है। बेदीराम ने कहा कि पेपर लीक मामले में उनका नाम विपक्षी पार्टियां करवा रही हैं क्योंकि वह दलित हैं और दलित विधायक हैं। विधायक का कहना है कि उनका एक बार पेपर लीक मामले में नाम सामने आया तो विपक्षी पार्टियां बार-बार उनका नाम इसमें डाल देती हैं। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा कि जिस दिन पेपर लीक मामले में उनका नाम सामने आ जाएगा उस दिन वह विधायकी छोड़ संन्यास ले लेंगे।

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क्या था 2011 PMT पेपर लीक

छत्तीसगढ़ व्यापमं ने 18 जून 2011 को सीजी-पीएमटी परीक्षा को आयोजन करने जा रहा था। इससे पहले ही उत्तर प्रदेश के संगठित गिरोह ने परीक्षा पत्र को हासिल कर लिया और इसको परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को बेच दिया था। संगठित गिरोह ने उम्मीदवारों को रायपुर और तखतपुर के होटलों में रुकवाया था और उनसे पेपर हल करवाए थे।

आरोपियों ने उम्मीदवारों से इसके लिए एक-एक से 13-13 लाख रुपए लिए थे। पुलिस ने दबिश देकर मौके पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 7 साल सुनवाई के बाद जज प्रभाकर ग्वाले ने तत्कालीन एसपी, टीआई और जांच अधिकारी की भूमिका पर सख्त टिप्पणी की थी। वहीं, मामला बाहर आने के बाद इसको लेकर जमकर विवाद हुआ था। बाद में जज का तबादला सुकमा कर दिया गया। जबकि फैसले के तुरंत बाद ही इस मामले को बंद कर दिया गया था।

विधायक ने हलफनामें स्वीकार की केस की बात

उत्तर प्रदेश के जखनिया विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदीराम - निर्वाचन क्षेत्र-373, पार्टी- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी। शिक्षा- स्नातक। वर्तमान विधायक ने अपने हलफनामें में अपने ऊपर दर्ज एफआईआर के बारे में जानकारी दी।

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  • 1. राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा 1992- धारा 419, 420,120बी, 4/6
  • 2.उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 1988- धारा 418, 420, 147, 148, 336, 504, 506, 392
  • 3.रेलवे भर्ती परीक्षा, एमपी-पीएससी भर्ती परीक्षा, रेलवे भर्ती परीक्षा, जयपुर, भोपाल, छत्तीसगढ़, लखनऊ, मोतीनगर लखनऊ, आशियाना लखनऊ, जलालपुर जौनपुर। नोट- विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान 16 फरवरी 2022 को रिटर्निंग ऑफिसर को दिया शपथ-पत्र।

तखतपुर कोर्ट में सुनवाई जारी

बता दें कि इस मामले में तखतपुर थाने में भी एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले को लेकर थाना प्रभारी ने कहा कि अभी कोर्ट में सुनवाई जारी है। गवाहों की गवाही अभी अधूरी है। कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार तखतपुर के मामले में अखिलेश पांडेय मुख्य आरोपी था। वहीं, इस मामले में अखिलेश समेत 80 आरोपी थे, जिसमें से 60 को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, बचे हुए जमानत पर या फिर फरार चल रहे हैं। अभी फाइनल चार्चशीट पेश नहीं हुई है।

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