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Vodaone Idea: वोडाफोन आइडिया की डूबती नैया को मिला सहारा ! 16,133 करोड़ रुपये के ब्याज बकाये को इक्विटी में बदलने की मंजूरी

टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया को नया जीवनदान मिला है। जहां पर उसे कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के 16,133 करोड़ रुपये से अधिक के ब्याज बकाये को सरकार ने इक्विटी में बदलने का फैसला किया है।

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Bansal News
Vodaone Idea:  वोडाफोन आइडिया की डूबती नैया को मिला सहारा ! 16,133 करोड़ रुपये के ब्याज बकाये को इक्विटी में बदलने की मंजूरी

नई दिल्ली।  Vodaone Idea इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया को नया जीवनदान मिला है। जहां पर उसे कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के 16,133 करोड़ रुपये से अधिक के ब्याज बकाये को सरकार ने इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। जिसके साथ अब 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले इक्विटी शेयर की कीमत जारी किए जाएगे।

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वोडाफोन कंपनी ने दी जानकारी

यहां पर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने इस खबर को लेकर शेयर मार्केट को बताया कि, ‘‘संचार मंत्रालय... ने आज यानी तीन फरवरी, 2023 को एक आदेश पारित किया... कंपनी को निर्देश दिया कि वह स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों को टालने से संबंधित ब्याज और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये को इक्विटी शेयरों में बदले, जिसे भारत सरकार को जारी किया जाएगा। यहां पर बताया गया कि, कंपनी को यह राहत सितंबर, 2021 में सरकार द्वारा घोषित सुधार पैकेज के तहत मिली है। बता दें कि, ‘‘इक्विटी शेयरों में परिवर्तित होने वाली कुल राशि 1,61,33,18,48,990 रुपये है. कंपनी को 10 रुपये अंकित मूल्य के 16,13,31,84,899 इक्विटी शेयर जारी करने का निर्देश दिया गया है. इनका निर्गम मूल्य भी 10 रुपये है।

जाने मंत्री वैष्णव का बयान

यहां पर केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि, वोडाफोन आइडिया के बकाया को हिस्सेदारी में बदलने का फैसला सरकार ने आदित्य बिड़ला समूह से कंपनी चलाने और जरूरी निवेश लाने की निश्चित प्रतिबद्धता मिलने के बाद किया है। यहां पर इसे लेकर बताया कि, ‘‘हमने पक्की प्रतिबद्धता मांगी थी कि आदित्य बिड़ला समूह इस कंपनी को चलाएगा और इसके लिए जरूरी निवेश भी लेकर आएगा. बिड़ला समूह ने इस पर सहमति जताई है और इस तरह हम बकाया देनदारी को हिस्सेदारी में बदलने पर सहमत हो गए हैं.'' बकाये को इक्विटी में बदलने से सरकार को कंपनी में करीब 35 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल जाएगी।

जानें क्यों डूबी कंपनी

आपको बताते चलें कि,  वोडाफोन और आइडिया के एक इकाई में विलय के बाद बनी कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार परिचालक थी. इसके पास 2018 में 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 43 करोड़ मोबाइल ग्राहक थे। कंपनी के पास 24.3 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं और इसकी बाजार हिस्सेदारी 21.33 प्रतिशत बताया है।

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