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भोपाल: कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सोनिया गांधी (sonia gandhi) को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से एक विवेक तन्खा (vivek tankha) ने पार्टी के दूसरे धड़े पर सवाल उठाए हैं। राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हम बागी नहीं, बदलाव के वाहक हैं। इतिहास बहादुर को जानता है, डरपोक को नहीं।
विवेक तन्खा द्वारा किया गया ट्वीट
'दोस्तों हम बागी नहीं, बदलाव के वाहक हैं। चिट्ठी नेतृत्व को चुनौती देने के लिए नहीं लिखी गई, बल्कि पार्टी को मजबूत करने की एक बानगी है। सार्वभौमिक सत्य है कि सर्वश्रेष्ठ बचाव जरूरी है, चाहे वह कोर्ट हो या सार्वजनिक मामले, इतिहास बहादुर को स्वीकार करता है या डरपोक को नहीं।
https://twitter.com/VTankha/status/1298072185563619328
ये है पूरा मामला
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (gulam nabi azad), आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा समेत 23 नेताओं ने अगस्त के पहले हफ्ते में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इस पत्र में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया से पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी।
सोनिया गांधी ही बनीं अंतरिम अध्यक्ष
इसी चिट्ठी को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक सोमवार को बुलाई गई थी। इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व बदलाव पर कोई फैसला नहीं हो सका। सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर कुछ और महीनों तक रहने पर सहमति बनी। कांग्रेस (congress) के नए अध्यक्ष का चुनाव आने वाले छह महीनों के भीतर किया जाएगा। इस तरह कांग्रेस की बैठक जहां से शुरू हुई, वहीं पर आकर खत्म हो गई।
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