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Vivah Muhurat Nov-Dec 2025: 1 नवंबर को देवउठनी ग्यारस है। इस दिन तुलसी विवाह होता है। शादियों के लिए इस दिन अपुच्छ मुहूर्त माना जाता है। लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी पर शादियां नहीं होगीं।
इसका कारण वृश्चिक के सूर्य न होना है। तो च​लिए जानते हैं कि इस साल के बचे दो महीनों विवाह के शादियों के कितने मुहूर्त हैं। जब आप शादियां कर सकते हैं।
नवंबर दिसंबर में शादियों के कितने मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार 1 नवबंर को देव उठनी एकादशी पर शादियां नहीं होंगी। क्योंकि इस दौरान सूर्य तुला राशि में रहेंगे। लोक विजय पंचांग के अनुसार इस साल नवंबर में शादियां 22 नवंबर से शुरू होंगी जो 5 दिसंबर तक चलेंगी।
नवंबर में शादियों के 6 और दिसंबर में मात्र दो मुहूर्त आएंगे। ऐसे में कुल मिलाकर दो महीने में आठ मुहूर्त शादियों के लिए मिलेंगे।
अगले दो महीने शादियों के मुहूर्त
| माह (Month) | तारीख़ (Date) | दिन (Day) | टिप्पणी (Remark) |
|---|---|---|---|
| नवंबर 2025 | 22 नवंबर | शनिवार | शुभ विवाह मुहूर्त |
| 23 नवंबर | रविवार | शुभ विवाह मुहूर्त | |
| 24 नवंबर | सोमवार | शुभ विवाह मुहूर्त | |
| 25 नवंबर | मंगलवार | शुभ विवाह मुहूर्त | |
| 29 नवंबर | शनिवार | शुभ विवाह मुहूर्त | |
| 30 नवंबर | रविवार | शुभ विवाह मुहूर्त | |
| दिसंबर 2025 | 4 दिसंबर | गुरुवार | शुभ विवाह मुहूर्त |
| 5 दिसंबर | शुक्रवार | शुभ विवाह मुहूर्त |
धनु संक्रांति में पौष माह पर बंद हो जाएंगे विवाह कार्य
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ज्योतिषाचार्य के अनुसार दिसंबर में 16 दिसंबर को धनु संक्रांति पर एक महीने के लिए विवाह कार्यों पर रोक लग जाएगी। क्योंकि इस समय पौष का महीना लग जाएगा। ऐसे में जो भी विवाह करने के इच्छुक हैं वे दिए गए शुभ मुहूर्त में विवाह कर सकते हैं।
जनवरी में इस दिन से शुरू होंगे विवाह
हिन्दू पंचांग के अनुसार जनवरी में मकर संक्रांति पर उत्तरायण के सूर्य होते ही विवाह कार्य एक बार फिर शुरू हो जाएंगे। 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद एक महीने से विवाह पर लगी रोक हट जाएगी और शादियां शुरू हो जाएंगीं।
FAQ's
1. सूर्य के वृश्चिक राशि में होने पर ही शादियां क्यों होती हैं?
हिन्दू पंचांग के अनुसार जब सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तब देवताओं का विश्राम काल समाप्त होता है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
इसी कारण देवउठनी एकादशी के बाद जब सूर्य वृश्चिक राशि में होते हैं, तब विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य शुभ माने जाते हैं। वृश्चिक राशि में सूर्य का होना धर्म, बल और तेज का प्रतीक माना जाता है, जिससे विवाह संबंध स्थायी और मंगलमय बनते हैं।
2. पौष महीने में शादियां क्यों नहीं करनी चाहिए?
पौष मास को देवताओं का विश्राम काल और सूर्य के दक्षिणायन का समय माना जाता है।
इस दौरान सूर्य देव धनु राशि में रहते हैं, और ऐसा माना जाता है कि इस समय देवता पृथ्वी पर शुभ कार्यों का साक्षी नहीं बनते।
इसी कारण विवाह, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्यों पर पाबंदी रहती है।
पौष महीने में किए गए विवाह को फलहीन या कम शुभ परिणाम देने वाला कहा गया है।
3. एकादशी पर बिना मुहूर्त के शादी करेंगे तो क्या होगा?
एकादशी का दिन उपवास, पूजा और भगवान विष्णु की आराधना के लिए माना गया है।
इस दिन सांसारिक कार्यों से विरत रहना श्रेष्ठ माना जाता है।
अगर कोई व्यक्ति एकादशी के दिन बिना मुहूर्त के शादी करता है, तो विवाह का फल अधूरा या अशुभ माना जाता है।
दांपत्य जीवन में तनाव, मतभेद या बाधाएं आ सकती हैं।
और धार्मिक दृष्टि से इसे देव नियमों का उल्लंघन समझा जाता है।
इसलिए विवाह जैसे शुभ कार्य हमेशा मुहूर्त देखकर और एकादशी व पौष मास से बचकर करने की परंपरा है।
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