Vivah ke Upay: हर किसी की तमन्ना होती है कि उसकी शादी हो और उसका दांपत्य जीवन सुखमय हो। कई लोगों के जीवन में ये सुख नहीं आता और वे शादी न होने की वजह से गलत कदम उठा लेते हैं।
हाल ही में छत्तीसगढ़ में इसी तरह का मामला सामने आया है जहां शादी न होने से परेशान एक व्यक्ति सुसाइड करने रेलवे ट्रेक पर पहुंचा था, पर ट्रेन आने से पहले पुलिस ने उसकी जान बचा ली।
पर क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का कारण हमारी कुंडली के कुछ विशेष योग होते हैं जिनके चलते व्यक्ति को जीवन में विवाह का सुख नहीं मिलता। तो वहीं शादी होने में भी कई तरह की अड़चनें भी आती हैं।
यदि नहीं तो चलिए जानने की कोशिश करते हैं हमारे ज्योतिषाचार्य से कि विवाह में विलंब के कारण (Vivah me deri ke Karan) क्या हैं, साथ ही जानेंगे जल्दी विवाह के उपाय (Jaldi Vivah ke Upay) क्या हैं।
विवाह में विलंब के कारण
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार विवाह में विलंब के कई कारण (Vivah me Vilamb ke Karan) होते हैं। इनमें से से मुख्य रूप से व्यक्ति की कुंडली में चार योग होते हैं जो शादी में देरी का कारण बनते हैं।
विवाह में विलंब के चार कारण
1. मांगलिक कुंडली (Manglik Kundli)
ज्योतिषाचार्य की मानें तो जिस जातक की कुंडली मांगलिक होती है। उसके जीवन में विवाह में बाधा आती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति की शादी या तो समय से पहले हो जाती है या फिर जातक अपने विवाह को लेकर हटी हो जाता है। जैसे कि वह अपनी मर्जी से ही मनचाही लड़की या लड़के से शादी करना चाहता है।
अगर उसके मन मुताबिक शादी नहीं होती है तो वह गलत कदम उठाता है। मंगल उग्र होता है। इसलिए इसके असर से व्यक्ति क्रोधी प्रवृत्ति का होता है। उसके मन में क्रूरता का भाव आता है। इस कंडीशन में उसके साथ दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।
उपाय
मांगलिक कुंडली (Manglik Kundli) होने पर उसकी शांति के लिए पूजन कराया जाता हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर में मंगल की शांति के लिए भात पूजन किया जाता है। वहां जाकर आपको मंगल की शांति कराना चाहिए। इसके अलावा आपको किसी योग्य पंडित से मंगल दोष दूर करने के उपाय (Vivah ke Upay) करना चाहिए।
2. कालसर्प योग (Kalsarp Yog)
व्यक्ति के जीवन में विवाह में विलंब होने का दूसरा कारण उसकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है। जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष होगा उस जातक को शादी करने में समस्याएं आती हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतू के भीतर आकर सारे ग्रह बैठ जाते हैं तो इस स्थिति में कालसर्प योग बनता है। कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति विशाक्त चीजों का सेवन यानी जहरीली चीजों का सेवन कर लेता है। व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट होने लगती है।
कालसर्प योग के उपाय
कालसर्प दोष (Kalsarp Dosh) होने पर व्यक्ति को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही किसी योग्य पंडित से कालसर्प दोष का पूजन कराना चाहिए।
3. राहु की महादशा (Rahu ki Mahadasha)
व्यक्ति की कुंडली में राहु की महादशा होने पर भी विवाह में विलंब होता है। ये दशा 18 वर्षों की होती है। राहु यदि तृतीय, षष्ठ या एकादश भाव में होता है तो इस स्थिति में ये परिणाम चमत्कारी होते हैं।
राहु वैचारिक समृद्धि, मानसिक दृढ़ता और अपार बौद्धिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। राहु की महादशा के तीसरे, छठवें और नौवें वर्षों में शुभ या अशुभ का क्रम चलता है। ये छठे व आठवें वर्ष में कष्टकारी होता है।
राहु की महादशा के उपाय
यदि आपके विवाह में भी विलंब आ रहा है तो इस स्थिति में राहु की महादशा (Rahu ki Mahadasha) की शांति के लिए आपको निर्बलों की सेवा करना चाहिए। शनिवार को राहु के दान करने से कष्ट दूर होते हैं।
4. मारकेश योग (Markesh Yog)
विवाह में विलंब का एक कारण जातक की कुंडली में मारकेश योग भी होता है। ज्योतिष में जब कुंडली में दूसरे, छठवें, सातवें और आठवें घर का स्वामी मारकेश होता है तो मारकेश योग बनता है।
कुंडली में ये अशुभ योग तुला लग्न में शुक्र और गुरु के पीड़ित होने पर बनता है। इसके अलावा जब कुडंली में राहु-केतु के छठे, आठवें या बाहरवें भाव में होते हैं तो इस स्थिति में भी मारकेश योग बनता है।
कुंडली में धनु लग्न में शुक्र निर्बल, क्रूर ग्रहों के साथ राहु वारिजमान होने पर भी मारकेश योग बनता है।
मारकेश योग के उपाय
मारकेश दोष दूर करने के लिए व्यक्ति को किसी योग्य पंडित से उपाय (Jaldi Vivah ke Upay) कराना चाहिए। साथ ही इस दोष की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
जल्दी शादी के लिए क्या करना चाहिए
व्यक्ति की शादी में देरी होने के कई कारण होते हैं। इन दोषों को दूर करने और जल्दी शादी के लिए अच्छे पंडित से बात करके संबंधित ग्रह की शांति के उपाय किए जाने चाहिए।