वाराणसी—धर्म और आस्था की इस नगरी में... एक शादी का मंडप जंग के मैदान में बदल गया... दुल्हन, चांदनी, सात फेरों से ठीक पहले... स्टेज से उतरी और उसने शादी से साफ इंकार कर दिया.... कारण? दहेज का लालच...... एक ओर, पिता ने कर्ज लेकर बेटी की शादी धूमधाम से करने का सपना देखा था....दूसरी ओर, दूल्हे की माँ ने मात्र पच्चीस हज़ार रुपए की बकाया राशि के लिए उस पिता का सरेआम अपमान कर दिया.... वो भी केवल ₹25,000! यह छोटी सी रकम उस परिवार के लिए अपमान का इतना बड़ा पहाड़ बन गई... कि दुल्हन के सब्र का बांध टूट गया..... यह घटना बताती है कि इक्कीसवीं सदी में भी हमारे समाज में... कुछ लोग दहेज के ज़हर को धर्म और रिश्तों से ऊपर रखते हैं... पिता का अपमान देखने के बाद दुल्हन चांदनी ने एक फैसला लिया... उसने न सिर्फ शादी तोड़ी, बल्कि अपने मंगेतर को स्टेज से नीचे उतार दिया... और सीधे पुलिस बुला ली.... यह सिर्फ एक शादी टूटने की कहानी नहीं है, यह उस हर महिला की कहानी है... जिसे दहेज के नाम पर नीचा दिखाया जाता है....चांदनी ने दहेज रूपी दानव के खिलाफ एक बड़ी आवाज़ उठाई है....जिसने उस परिवार की पोल खोल दी.... जो चंद पैसों के लिए रिश्ते को नीलाम करने को तैयार था....आज समाज को चांदनी जैसी बेटियों की ज़रूरत है....जो दहेज़ के बाज़ार को ठुकराकर, सम्मान को किसी भी कीमत पर बेचने से इनकार करती हैं....पुलिस अब मामले की जाँच कर रही है, लेकिन चांदनी का यह साहसिक कदम.... सदियों की उस सामाजिक बुराई को चुनौती है, जो आज भी हमारे रिश्तों को खोखला कर रही है
Advertisment
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें