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Bhopal Gas Tragedy : भोपाल गैस कांड के 41 साल, जब एक रात ने हज़ारों ज़िंदगियां लील लीं

1984 की सर्द रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड से MIC गैस रिसाव हुआ, जिसमें हजारों लोग तुरंत मारे गए। यह दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक त्रासदी बनी, जिसके असर से आज भी लोग शारीरिक-मानसिक रूप से पीड़ित हैं।

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Sourabh Pal

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में, दिसंबर 1984 की 3 तारीख की सर्द रात को हज़ारों ज़िंदगियाँ नींद में ही थम गईं। लोग ठंड से बचने के लिए कंबल में दुबके थे, तभी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव शुरू हुआ। यह दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक त्रासदी थी। गैस के रिसाव ने तुरंत लगभग 3000 लोगों की जान ले ली। लोगों को आँखों में जलन, साँस लेने में तकलीफ हुई और कई खड़े-खड़े गिर गए। इस हादसे के घाव आज भी गहरे हैं। हज़ारों लोग शारीरिक और मानसिक रूप से अपंग हो गए, और गर्भवती महिलाओं ने बाद में कमजोर बच्चों को जन्म दिया। 1984 की वह रात आज भी भोपाल के इतिहास का सबसे काला अध्याय है।

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