नई दिल्ली। कभी लोकप्रियता के मामले में अमिताभ बच्चन को कड़ी टक्कर देने वाले विनोद खन्ना का आज बर्थडे है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पर्दे पर चॉकलेटी बॉय के रूप में नजर आने वाले विनोद खन्ना ने बतौर हीरो नहीं बल्कि विलेन के तौर पर शुरुआत की थी। खन्ना बचपन से ही एक्टिंग में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि बेटा उनका बिजनेस संभाले। एक बार तो पिता ने विनोद खन्ना के सिर पर बंदूक ही तान दी थी कि तुम एक्टिंग नहीं करोगे।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
विनोद खन्ना का जन्म साल 1946 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखवा प्रांत के पेशावर में हुआ था। उन्होंने सुनिल दत्त की फिल्म मन का मीत (1968) से डेब्यू किया था। इस फिल्म में वह विलेन के रोल में थे। इस फिल्म के बाद उन्होंने मेरा गांव, मेरा देश’ में विलेन का रोल निभाया था। बतौर हीरो विनोद खन्ना की पहली फिल्म हम तुम और वो थी। विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन ने फिल्म मुकद्दर का सिकंदर और अमर अकबर एंथनी में साथ काम किया।
अभिनय के खिलाफ थे पिता
विनोद खन्ना ने बचपन में स्कूल में एक ड्रामा में हिस्सा लिया था। इसके बाद से ही उन्होंने एक्टिंग में करियर बनाने का फैसला किया था। हालांकि, उनके पिता इस फैसले के खिलाफ थे। ऐसे में विनोद खन्ना की मम्मी ने उनके पिता को समझया तब जाकर उन्होंने विनोद खन्ना को दो साल का वक्त दिया। लेकिन जब विनोद खन्ना अपने फिल्मी करियर के उंचाई पर थे तभी उन्होंने फिल्में छोड़कर ओशों के आश्रम में जाने का फैसला किया। वहां जाकर उन्होंने माली का काम किया। कुछ वक्त बाद उन्होंने वापस आकर फिल्मों में वापसी की।
पूरी नहीं हो सकी ख्वाहिश
विनोद खन्ना की एक ख्वाहिश थी जो कभी पूरी नहीं हो सकी। दरअसल, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखवा प्रांत के सास्कृतिक धरोहर परिषद के महासचिव से विनोद ने अपनी पुश्तैनी शहर की यात्रा की इच्छा जताई थी। विनोद पेशावर स्थित उस इलाके को देखना चाहते थे जहां पर उनके माता-पिता और पूर्वज रहे थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और लंबी बीमारी के चलते 27 अप्रैल 2017 को उनका निधन हो गया।