हाइलाइट्स
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विजयवर्गीय का स्वागत पड़ा भारी
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इंदौर कांग्रेस जिला और शहर अध्यक्ष सस्पेंड
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नोटिस में 7 दिन के अंदर मांगा जवाब
Indore News: इंदौर में कांग्रेस के शहर और ग्रामीण अध्यक्ष को बीजेपी के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना भारी पड़ गया। आपको बता दें कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को उप संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
नोटिस में 7 दिन के अंदर मांगा जवाब
उप संगठन प्रभारी ने नोटिस में लिखा है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की। इंदौर की जनता से मत का अधिकार छीनने का कृत्य किया।
इंदौर को देश-विदेश में शर्मसार किया, जिसकी निंदा पूरा इंदौर करता है। ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। आप 7 दिनों में अपना जवाब दें। अभी आपको आपके वर्तमान पद से सस्पेंड किया जाता है।
कांग्रेस कार्यालय में का था मंत्री विजयवर्गीय का स्वागत
आपको बता दें कि पिछले दिनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य बीजेपी के नेता एक पेड़ मां के नाम अभियान में कांग्रेस का सहयोग मांगने के लिए कांग्रेस कार्यलय पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेस दफ्तर में उनका जोरदार स्वागत किया गया था। इसके बाद इस मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि सस्पेंड तक बात आ गई।
विजयवर्गीय ने ही अक्षय क्रांति बम को बीजेपी में कराया था शामिल
लोकसभा चुनाव के समय कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ही कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय क्रांति बम को बीजेपी में शामिल कराया था। इसके बाद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा चुनाव 2024 में इंदौर (Indore News) से कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सका।
जिसके चलते बीजेपी से उम्मीदवार शंकर लालवानी को ऐतिहासिक जीत मिली थी। यही कारण है कि कांग्रेस ने इस प्वाइंट पर एक्शन लेते हुए सुरजीत चड्ढा और सदाशिव यादव को 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अभी वर्तमान में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
नोटिस सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल
बीते दिनों सुरजीत चड्ढा ने के नोटिस मिलने को लेकर इंकार किया था, लेकिन ये नोटिस सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। मामला सुर्खियों में आते ही राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चर्चा तेज हो गई है।
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