Vijay Sharma Vs Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से तकरार बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और डिप्टी सीएम विजय शर्मा (Vijay Sharma) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इसकी शुरुआत एक फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसमें विजय शर्मा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi intruders in Chhattisgarh) की जानकारी देने के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया। लेकिन इस पोस्ट पर आए एक यूजर के सवाल ने मामला गर्मा दिया।
एक युवक ने कमेंट किया कि यदि सड़कों की हालत खराब हो तो शिकायत कहां करें? इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सार्वजनिक मंच पर जवाब देते हुए लिखा – “94252**** इस नंबर पर करें, क्योंकि ये उन्हीं की देन है।” यह नंबर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और सियासत की नई चिंगारी भड़क उठी।
भूपेश बघेल का पलटवार: ‘कुर्सी है तुम्हारा जनाजा तो नहीं है’
डिप्टी सीएम के कमेंट का स्क्रीनशॉट जब भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया, तो उन्होंने तंज कसते हुए लिखा – “कुर्सी है तुम्हारा ये जनाजा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते। यदि सड़कों की जिम्मेदारी नहीं उठा सकते तो पद छोड़ दें।”
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि विजय शर्मा और पूरी भाजपा सरकार (BJP Chhattisgarh) को इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर जनता को ही सड़कों, घुसपैठियों और अन्य मुद्दों से निपटना है तो फिर सरकार का औचित्य क्या रह गया है?
सड़क से लेकर घुसपैठ तक.. भड़कते मुद्दे पर घमासान
विजय शर्मा ने फेसबुक पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी होने पर सूचना देने के लिए जो टोल फ्री नंबर (Toll free number) साझा किया, उसका उद्देश्य था कि आम नागरिक संदिग्ध अवैध प्रवासियों की जानकारी सीधे प्रशासन को दें। लेकिन जैसे ही एक यूजर ने सड़कों की बदहाली का जिक्र किया, बात व्यक्तिगत स्तर पर पहुंच गई और विवाद खड़ा हो गया।
छत्तीसगढ़ में सड़कों की हालत को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। बरसात के मौसम में कई क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति दलदल जैसी हो जाती है। इसीलिए युवक ने सीधा सवाल किया, जिसका जवाब सियासी तंज में मिला।
घुसपैठियों पर कार्रवाई, लेकिन राजनीति की चाल तीखी
प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव के बाद से बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश का अभियान तेज कर दिया है। अब तक सैकड़ों अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों (illegal Bangladeshi migrants in CG) को पुलिस द्वारा चिन्हित किया जा चुका है। इस कार्रवाई में रायपुर, दुर्ग, भिलाई, सरगुजा और महासमुंद जैसे जिलों में कई गिरफ्तारी भी हुई है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दावा किया कि “जनता की मदद से इस अभियान को और तेज किया जाएगा।” लेकिन अब सड़कों की समस्या और नंबर लीक के मुद्दे ने असल अभियान से ध्यान भटका दिया है और विपक्ष को सरकार को घेरने का नया मौका मिल गया है।
क्या जनता अब सड़क के लिए PWD से शिकायत करे या नेताओं से?
इस पूरे मामले के बीच एक अहम सवाल यह है कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार ने सड़कों की शिकायत के लिए कोई समर्पित हेल्पलाइन नंबर (dedicated helpline number for road issues in Chhattisgarh) घोषित किया है? फिलहाल डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सार्वजनिक रूप से इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है। आमतौर पर PWD विभाग की वेबसाइट या जिला कलेक्टर कार्यालय में ऐसी शिकायतों को दर्ज करने का प्रावधान रहता है, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाएं सार्वजनिक रूप से नेताओं के नंबर तक पहुंच जाएंगी, तो विवाद होना तय है।