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Shanishchari Amavasya 2022 : शनिचरी अमावस्या आज, इन राशियोें के लिए खास है आज का दिन, रात में जरूर करें ये उपाय

Shanishchari Amavasya 2022 : शनिचरी अमावस्या आज, इन राशियोें के लिए खास है आज का दिन, रात में जरूर करें ये उपाय vidhi-upaaye-on-the-day-of-shanichari-amavasya-people-of-these-5-zodiac-signs-must-do-these-measures-shani-dev-will-be-pleased-pds

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Bansal News
Shanishchari Amavasya 2022 : शनिचरी अमावस्या आज, इन राशियोें के लिए खास है आज का दिन,  रात में जरूर करें ये उपाय

नई दिल्ली। जो लोग शनि से पीड़ित हैं Shanishchari Amavasya 2022  उनके लिए आज का दिन खास होने वाला है। astrology news अगर आप भी शनि की दशाओं से ग्रसित हैं तो आपको बता दें आज के दिन किए गए astrology news उपायों से शनि देव आपसे प्रसन्न हो सकते हैं। जब भी hindi news अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं।

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शनिवार के दिन पड़ने कहलाती है शनि अमावस्या -
आपको बता दें अमावस्या तो हर महीने आती है। महीनें में पंद्रह-पंद्रह दिन के दो भाग होते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पहले दिन के बाद पूर्णिमा और दूसरे 15 दिन की समाप्ति पर अमावस्या आती है। जब ये अवास्या शनिवार के दिन होती है तो उसे शनि अमावस्या या शनिचरी अमावस्या कहते हैं। आपको बता दें भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या या भादो अमावस्या कहा जाता है।

इसलिए है खास -
अगर आप पितृदोष से पीड़ित हैं तो आपको इस अमावस पर कुछ खास उपाय जरूर करने चाहिए। आपको बता दें ये अमावस्या पितृ पक्ष से पहले आती है। इस दिन दान.पुण्य करना, तर्पण व पिंडदान आदि कार्य करना बेहद ही शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि यह दिन पितृ दोष, काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए खास होता है। इस साल भाद्रपद अमावस्या 27 अगस्त शनिवार यानि आज मनाई जा रही है। चूंकि शनिवार के दिन आई है इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है।

इतनी होती है शनि की चाल —shani ki chaal
आपको बता दें शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये ये दिन महत्व का है। शनि राशिचक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। आपको बता दें पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार एक How to Please Shanidev on Shani Jayanti 2022 राशि में शनि लगभग 18 महीने रहते हैं। शनि की महादशा का काल 19 साल होता है। शनि न्याय के देवता हैं। जो लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते है। मान्यता अनुसार सूर्य पुत्र शनिदेव का ज्येष्ठ माह की अमावस्या को सूर्यदेव एवं छाया (सवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ।

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विशेष उपाय – Shani Upay 

  • शनि मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
  • ओम शम शनैश्चराय नमः का सामर्थ्यानुसार एक माला, तीन माला, पांच माला जाप करें।
  • गरीबों को साबुत उड़द का दान करें।
  • अपने पितरों के निमित्त दूध और सफ़ेद मिठाई मंदिर में ब्राहृमण को दें।
  • जरूरतमंद और बुजुर्गों को भोजन सामग्री, वस्त्र आदि दान करें।
  • श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।

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