Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा देशभर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भाग लिया, साथ ही बीजेपी के पदाधिकारी और विभाजन के समय पीड़ित परिवारों के सदस्य भी मौजूद थे।
इस कार्यक्रम का मकसद भारत विभाजन के इतिहास को याद करना और विभाजन की त्रासदी को साझा करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।
भारत ने कभी धर्म या रंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया: सीएम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas) के अवसर पर कहा कि 14 अगस्त के दिन विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उन्होंने कहा कि यह भारत की सबसे बड़ी त्रासदी है और इतिहास को भूलने वाले समाज को वही इतिहास दुहराना पड़ता है।
विभाजन के कारण लाखों हिंदू परिवारों ने पीड़ा, बलात्कार और हत्या जैसे दंश झेले। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी दो नेताओं के स्वार्थ के कारण हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी धर्म या रंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया और हमें राष्ट्रहित को अपने स्वार्थ से बड़ा रखना चाहिए।
विभाजन की त्रासदी से हर किसी को अवगत होना चाहिए: बृजमोहन
रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कहा कि विभाजन की त्रासदी से हर किसी को अवगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाखों हिंदू परिवारों ने इस त्रासदी का सामना किया और स्वतंत्रता के साथ कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के जश्न के दौरान हम अक्सर विभाजन की पीड़ा को भूल जाते हैं।
सही नीतियां अपनाना मकसद: संगठन महामंत्री
संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन विभीषिका की शुरुआत की है और अब इसे भारत विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद समाज की गलतियों को सुधारना और एक उज्जवल भविष्य की दिशा में सही नीतियाँ अपनाना है।
शिव प्रकाश ने कहा कि जिन लोगों ने विभाजन में अपने घर खो दिए, उन्होंने भी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों ने भारत माता को मां दुर्गा के रूप में माना था, लेकिन विभाजन के समय उन लोगों ने मां के दर्जे को खंडित कर दिया।
नेताओं को अतीत की गलतियों से सीखना चाहिए: मुकेश खन्ना
फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर कहा कि आज हमें विजय भवः के आशीर्वाद की आवश्यकता है, न कि आयुष्मानभवः की। उन्होंने कहा कि बुरे दिनों और हार को याद रखना जरूरी है और राजा देश के लिए होता है, देश राजा के लिए नहीं। मुकेश खन्ना ने कहा कि चुनाव जीतकर आप राजा नहीं, बल्कि सेवक बनकर आते हैं।
उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश बने, लेकिन हिंदुस्तान सही मायने में नहीं बन पाया। उन्होंने कहा कि माफी हमारी कमजोरी नहीं, हमारी अच्छाई है और आज के नेताओं को अपने अतीत की गलतियों से सीखना चाहिए। मुकेश खन्ना ने हिंदू एकता दिवस की मांग की और कहा कि वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाना चाहिए।
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