Veena History: जैसा कि, पूरा देश जानता है आज 28 सितंबर को स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की 93वीं जयंती मनाई जा रही है वही इस मौके को और भी खास बनाने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बने स्मृति चौक पर 14 टन की वीणा का वर्चुअल उद्घाटन किया है।
जानें चौक की क्या है खासियत
आपको बताते चलें कि, इस चौक की खासियत है वहां पर लगी ‘वीणा’. 14 टन की वीणा की लम्बाई 40 फुट और ऊंचाई 12 मीटर है। यहां पर चौक का नाम भी लता दीदी के नाम पर रखा गया है पीएम मोदी ने कहा कि, मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा गया है। यह महानतम भारतीय प्रतीकों में से एक को एक उचित श्रद्धांजलि में से एक है।लता दीदी के नाम पर बना ये चौक हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा। ये बताएगा कि भारत की जड़ों से जुड़े रहकर, आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना ये भी हमारा कर्तव्य है।
पौराणिक कथाओं में वीणा का महत्व
जैसा कि, सब जानते मां सरस्वती का वर्णन होने पर वीणा का सुशोभन भी सामने आता है वहीं पर उनकी वंदना में ‘वीणावरदंडमंडितकरा’ शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। उनका ये इतिहास कहानी से जुड़ा है जिसमें वीणा का सृजन भगवान शिव ने किया था. इसे तैयार करने के बाद उन्होंने मां पार्वती को समर्पित किया। मध्यकाल तक शास्त्रीय संगीत में वीणा को अनिवार्य तौर पर शामिल किया गया, लेकिन समय के साथ चीजें बदलीं और इसकी जगह सितार ने ले ली। इसके अलावा समय के आगे बढते ही वीणा में परिवर्तन होने के साथ सितार को बनाया गया. इसे तैयार करने काम अमीर खुसरो दहलवी ने किया. वीणा में 4 तार होते हैं और इसकी लंबाई में किसी तरह का विभाजन नहीं किया जाता है, जबकि सितार में ऐसा बिल्कुल नहीं होता. कई बार वीणा की लम्बाई छोटी करने के लिए प्रयोग किए गए।
वीणा में होता गया बदलाव
आपको बताते चलें कि, वीणा के कई प्रकार विकसित हुए. रुद्रवीणा, तंजौरी वीणा और विचित्र वीणा उसी दौर का हिस्सा थीं. इसे ज्ञान, शांति और संगीत का प्रतीक माना गया। वीणा को खासतौर पर जैकवुड नाम के पेड़ की लकड़ी से तैयार किया जाता है. इसकी लम्बाई 1.5 मीटर होती है. कहते हैं, वीणा से निकली ध्वनि से मन के रोग मिट जाते हैं।