Vedic Ghadi: उज्जैन में स्थापित वैदिक घड़ी को सभी ज्योतिर्लिंगों पर भी लगाया जाएगा। इसे जल्द ही मोबाइल एप, कलाई घड़ी, और दीवार घड़ी के रूप में लॉन्च किया जाएगा। यह जानकारी डॉ. आरोह श्रीवास्तव ने उज्जैन में आयोजित एक परिचर्चा में साझा की, जिसमें पंचांगकर्ता और विद्वानों ने भाग लिया। वैदिक घड़ी का महत्व इस कारण है कि यह एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच 30 घंटे का समय दर्शाएगी।
वैदिक घड़ी में 1 घंटे की जगह 48 मिनट का घंटा
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) October 17, 2024
60 मिनट के बजाय, इस घड़ी में एक घंटे को 48 मिनट निर्धारित किया गया है, जो भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार है। इसके अलावा, यह घड़ी वैदिक समय के आधार पर विभिन्न मुहूर्त भी दर्शाएगी। यह घड़ी पुराने समय की तरह काल और समय की गणना करेगी, इसी सोच को ध्यान में रखते हुए इसे विकसित किया गया है। 30 घंटे की वैदिक घड़ी वैदिक गणित पर आधारित है और इससे मुहूर्त भी देखे जा सकेंगे। इसे मोबाइल एप के माध्यम से भी संचालित किया जा सकता है।
घड़ी में 30 मुहूर्त दिखते हैं
पंचांग और मुहूर्त देखने की मिलती है सुविधा
उज्जैन की इस घड़ी का नाम विक्रमादित्य वैदिक घड़ी रखा गया है। यह दुनिया की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी है, जिसमें भारतीय कालगणना के तहत वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम, और ग्रीनविच मीन टाइम के साथ विक्रम संवत पंचांग, 30 मुहूर्त, योग, भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। यह घड़ी सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर समय बताएगी। सामान्य भाषा में इसे अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल के नाम से जाना जाता है। इस घड़ी में 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में बांटा गया है, और हर मुहूर्त का एक विशेष धार्मिक नाम होता है।
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