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इंडोलोजी सोसाइटी की पहल: काशी में पांडुलिपियों का रोमन लिपि में होगा ट्रांसलेशन, 15 दिन का इंटर्नशिप प्रोग्राम भी शामिल

Uttar Pradesh Varanasi Indology Society Sanskrit Roman Script Transliteration Initiative. काशी में इंडोलोजी सोसाइटी संस्कृत को रोमन लिपि में ट्रांसलिटरेट कर उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश कर रही

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Bansal news
Varanasi Indology Society

(रिपोर्ट, अभिषेक सिंह)

हाईलाइट्स

  • इंडोलोजी सोसाइटी संस्कृत का विश्वभर में प्रचार कर रही है।
  • प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलाइजेशन होगा।
  • छात्रों के लिए 15 दिन का इंटर्नशिप प्रोग्राम।
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Varanasi News: इंडोलोजी सोसाइटी काशी में संस्कृत को रोमन लिपि में ट्रांसलिटरेट करके उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। ये संस्था प्राचीन शास्त्रों को डिजिटलाइज करके आम लोगों और संस्कृत में रुचि रखने वालों के लिए आसान बना रही है। शास्त्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए ये कोशिश की जा रही है कि भारतीय ज्ञान को विश्वभर में फैलाया जा सके।

प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलाइजेशन

इंडोलोजी सोसाइटी पिछले 20 सालों से भारतीय शास्त्रों, ज्योतिष, धर्म, तंत्र, योग और साहित्य से जुड़ी पांडुलिपियों को डिजिटलाइज कर रही है। अब तक काशी में 33,000 पेजों का डिजिटलाइजेशन हो चुका है। पूरे भारत में 5.30 लाख से ज्यादा पेज डिजिटलाइज किए गए हैं। साथ ही, इन पांडुलिपियों को देवनागरी लिपि में ट्रांसलिटरेट भी किया गया है। इससे भारतीय साहित्य परंपरा से जुड़े लोग, यहां तक कि विदेशों में भी लोग, इन पांडुलिपियों को पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं।

विदेशी छात्रों की बढ़ती रुचि

इंडोलोजी सोसाइटी न सिर्फ पांडुलिपियों को ट्रांसलिट्रेशन कर रही है, बल्कि भारतीय संस्कृति और शास्त्रों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी काम कर रही है। काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और बीएचयू के संस्कृत विभाग में विदेशी छात्रों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इंडोलोजी सोसाइटी का ये प्रयास भी है कि विदेशों में भी लोग संस्कृत और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक हों, जिसके लिए वे नए विद्यालय खोलने पर भी काम कर रहे हैं।

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छात्रों को संस्कृत और लिपि का ज्ञान देना

आजकल भारतीय छात्र अपनी मातृभाषा और संस्कृति से थोड़े दूर होते जा रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए इंडोलोजी सोसाइटी देवनागरी लिपि और संस्कृत भाषा पर छात्रों की पकड़ मजबूत करने के लिए उन्हें ट्रेनिंग और इंटर्नशिप भी दे रही है। छात्रों को 15 दिन का इंटर्नशिप प्रोग्राम भी मिल रहा है, ताकि वे ट्रांसलिटरेशन के बारे में अच्छे से सीख सकें।

धार्मिक ग्रंथों का ट्रांसलिटरेशन

अब तक इंडोलोजी सोसाइटी ने भारतीय दर्शन, ज्योतिष, धर्म, कर्मकांड और तंत्र से जुड़े 300 से ज्यादा पांडुलिपियों को 5 अलग-अलग लिपियों में ट्रांसलिटरेट किया है। ये ट्रांसलिटरेशन पूरी दुनिया में फ्री में ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे हर भारतीय ज्ञान को आसानी से समझ सके और उसका फायदा उठा सके।

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