/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/nkjoj-2025-11-06T131215.383.webp)
National Song Vande Mataram 150 Years Anniversary:‘वंदे मातरम्’ ये सिर्फ कहने के दो शब्द नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज हैं। यही वो स्वर था जिसने आज़ादी से पहले गुलाम भारत के सीने में स्वाभिमान और एकता की ज्वाला जगाई थी। 7 नवंबर 2025 को देश का राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ को 150 साल हो रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्र सरकार और बीजेपी ने पूरे देश में “वंदे मातरम् उत्सव” मनाने की घोषणा की है। इसी बीच आइए जानते हैं इसे किसने और कब लिखा!
किसने लिखा ‘वंदे मातरम्’ और कब?
[caption id="" align="alignnone" width="1200"]
वंदे मातरम्’ की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय (Bankim Chandra Chattopadhyay) ने की थी[/caption]
‘वंदे मातरम्’ की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय (Bankim Chandra Chattopadhyay) ने की थी। वे बंगाल के प्रसिद्ध उपन्यासकार और कवि थे। उन्होंने यह गीत सन 1874-75 के दौरान लिखा था। इस दौरान भारत ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था।
इसके बाद में यह गीत उनके मशहूर उपन्यास ‘आनंदमठ’ (Anandamath) में भी शामिल किया गया। जो 1882 में प्रकाशित हुआ। इस उपन्यास की कहानी संन्यासी विद्रोह (Sanyasi Rebellion) की पृष्ठभूमि पर आधारित थी, जिसमें देशभक्तों का संघर्ष और मातृभूमि के प्रति समर्पण दिखाया गया है।
क्यों लिखा गया था ‘वंदे मातरम्’?
[caption id="" align="alignnone" width="1200"]
क्यों लिखा गया था ‘वंदे मातरम्’?[/caption]
उस दौर में अंग्रेज सरकार ने आदेश दिया था कि ‘गॉड सेव द क्वीन’ नामक ब्रिटिश राजकीय गीत हर सरकारी समारोह में गाया जाएगा। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय इस आदेश से बेहद असहज हुए। वे चाहते थे कि भारत के पास भी ऐसा गीत हो जो मातृभूमि की आराधना करे, लोगों में स्वाभिमान और एकता की भावना जगाए। इसी विरोध के स्वर में उन्होंने ‘वंदे मातरम् लिखा। एक ऐसा गीत जिसमें भारत भूमि को 'मां' के रूप में पूजा गया है। इस गीत के शब्दों ने हर भारतीय के दिल में राष्ट्रप्रेम की नई लहर पैदा की।
पहली बार कब और किसने गाया ‘वंदे मातरम्’?
[caption id="" align="alignnone" width="976"]
पहली बार कब और किसने गाया ‘वंदे मातरम्’?[/caption]
‘वंदे मातरम्’ का सार्वजनिक गायन पहली बार सन 1896 में हुआ। उस समय रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने इसे कलकत्ता (अब कोलकाता) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अधिवेशन में गाया था। उस दिन सभागार में मौजूद सैकड़ों भारतीयों की आंखें गर्व और भावनाओं से भर आई थीं क्योंकि यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि आज़ादी का उद्घोष बन चुका था।
आज़ादी की लड़ाई में ‘वंदे मातरम्’ की भूमिका
[caption id="" align="alignnone" width="1024"]
आज़ादी की लड़ाई में ‘वंदे मातरम्’ की भूमिका[/caption]
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘वंदे मातरम्’ हर आंदोलन की प्रेरणा बन गया। चाहे स्वदेशी आंदोलन हो, असहयोग आंदोलन या भारत छोड़ो आंदोलन, हर जगह यह गीत गूंजता रहा। स्वतंत्रता सेनानियों के नारों में, जुलूसों में और जेल की दीवारों में “वंदे मातरम्” की गूंज सुनाई देती थी।
यह गीत देश के हर कोने में एकता, त्याग और बलिदान का प्रतीक बन गया।
राष्ट्रगीत का दर्जा कब मिला?
[caption id="" align="alignnone" width="1051"]
राष्ट्रगीत का दर्जा कब मिला?[/caption]
आज़ादी के बाद, 1950 में संविधान सभा के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने “वंदे मातरम्” को भारत के राष्ट्रगीत (National Song) का दर्जा दिया। उन्होंने कहा था वंदे मातरम् हमारे स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा रहा है, इसलिए इसे राष्ट्रगीत के रूप में सदा सम्मानित किया जाएगा।
150वीं वर्षगांठ पर देशभर में उत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 से “वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण” होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रव्यापी उत्सव शुरू किया है। भाजपा ने भी देशभर में सामूहिक गायन, स्कूलों में विशेष सभाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा “वंदे मातरम् में मातृभूमि की भक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पण और एकता का संदेश है। यह गीत भारत की आत्मा है।”
FAQs
सवाल –वंदे मातरम् गीत किसने लिखा था और कब?
जवाब – वंदे मातरम् गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय हैं। उन्होंने यह गीत 1874 में लिखा था, और बाद में इसे उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ (1882) में शामिल किया गया।
सवाल –वंदे मातरम् गीत पहली बार कब और किसने गाया था?
जवाब – यह गीत पहली बार 1896 में कोलकाता (कलकत्ता) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गाया था। उस पल से यह देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
सवाल –वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत का दर्जा कब मिला?
जवाब – 1950 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत (National Song) का दर्जा प्रदान किया था।
सवाल –वंदे मातरम् की रचना के पीछे क्या वजह थी?
जवाब – जब अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में ‘गॉड सेव द क्वीन’ गीत को अनिवार्य किया, तो बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसके विरोध में भारत माता की स्तुति करते हुए ‘वंदे मातरम्’ की रचना की। यह गीत ब्रिटिश शासन के खिलाफ देशभक्ति का प्रतीक बन गया और स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत रहा।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें