रांची, 16 जनवरी (भाषा) झारखंड में शनिवार को कुल 48 केन्द्रों पर कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत हुई जिसमें कुल 3200 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया।
झारखंड के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के राष्ट्रीय अभियान के प्रथम दिन राज्य में कुल 48 केन्द्रों पर 3200 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया। जिन स्वास्थ्यकर्मियों को आज टीका लगाया गया उनमें से किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई।
हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार उन सभी स्वास्थ्यकर्मियों के स्वास्थ्य की कम से कम आधे घंटे निगरानी की गयी जिन्होंने कोविड-19 टीकाकरण करवाया।
कुलकर्णी ने बताया कि अब सोमवार को टीकाकरण का सत्र एक बार फिर प्रारंभ किया जायेगा और सप्ताह में चार दिनों तक टीकाकरण अभियान राज्य में सभी टीकाकरण केन्द्रों पर चलाया जायेगा।
इससे पूर्व प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में शनिवार को कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारम्भ के साथ ही झारखण्ड में भी कोविड-19 टीकाकरण का शुभारम्भ स्वयं राज्य के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने राँची के सदर अस्पताल में किया। जिसके बाद ‘कोविशील्ड’ का पहला टीका अस्पताल की सफाई कर्मी मरियम गुड़िया को दिया गया और इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह टीका देश के लिए वरदान साबित होगा।
मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ ही सभी 24 जिलों के 48 केन्द्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो गया।
सोरेन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ टीके की पहली खेप राज्य को मिल चुकी है और आज से देश के साथ राज्य में भी टीकाकरण प्रारंभ हो चुका है तथा प्रथम चरण में चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों को टीके की खुराक दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार ही राज्य में टीकाकरण की पूरी कार्ययोजना बनायी जायेगी।’’
इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव नितीन मदन कुलकर्णी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तय मानक के अनुसार शुरूआत में यह टीका सभी स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 48 टीकाकरण केन्द्रों पर यथा उचित तैयारियां पूर्ण कर टीकाकरण किया जा रहा है और प्रत्येक टीकाकरण केन्द्र पर प्रतिदिन 100 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली डोज दी जायेगी एवं जिस दिन पहली डोज दी जायेगी उसके 28 दिनों के बाद टीके की दूसरी डोज दी जायेगी। पहले राज्य में इस उद्देश्य से 129 टीकाकरण केन्द्र बनाये गये थे लेकिन केन्द्र सरकार ने यहां उपयुक्त आधारभूत संरचना को देखते हुए फिलहाल सिर्फ 48 केन्द्रों की ही अनुमति दी है।
टीकाकरण केन्द्र कम किये जाने के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री सवाल से बचते नजर आये और सिर्फ इतना ही कहा कि टीकाकरण के केन्द्र कम हो तो क्या, मुख्य आवश्यकता है उन्हें ठीक से संचालित करने की।
कुलकर्णी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग एक लाख, चालीस हजार स्वास्थ्यकर्मियों (निजि एवं सरकारी) का पंजीकरण ‘कोविन’ पोर्टल पर किया जा चुका है और कोविन पोर्टल पर पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों को ही टीका लगाया जायेगा।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि टीकाकरण के उपरान्त किसी भी प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव से निबटने के लिए सभी टीकाकरण केन्द्रों पर आपतकालीन तैयारी भी की गयी है जिससे किसी अप्रिय घटना के होने पर तुरन्त उचित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने बताया कि आज पूरे राज्य में सभी 48 टीकाकरण केन्द्रों पर कहीं भी आपातकालीन सेवा की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी मामले में टीके के रिएक्शन की सूचना नहीं मिली।
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