Advertisment

Uttarkashi Tunnel Rescue: उम्मीदों को फिर झटका, ड्रिलिंग मशीन टूटी, वर्टिकल ड्रिलिंग होगी शुरू

Uttarkashi Tunnel Rescue: न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट्स के मुताबिक़, बचाव दल और मजदूरों के बीच मात्र 6 से 9 मीटर का फासला और बचा है।

author-image
Bansal news
Uttarkashi Tunnel Rescue: उम्मीदों को फिर झटका, ड्रिलिंग मशीन टूटी, वर्टिकल ड्रिलिंग होगी शुरू

Uttarkashi Tunnel Rescue: दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन(auger machine) के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 16वां दिन है। सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग कर रहे बचावकर्मियों और फंसे हुए श्रमिकों के बीच केवल दस मीटर मलबा बचा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि ऑपरेशन का यह आखिरी चरण कब पूरा होगा।

Advertisment

न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट्स के मुताबिक़, बचाव दल और मजदूरों के बीच मात्र 6 से 9 मीटर का फासला और बचा है।  एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि अमेरिका में बनी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को पाइपलाइन से हटा लिया गया है। अब मैनुअल ड्रिलर्स काम शुरू करेंगे।  उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

वर्टिकल ड्रिलिंग के विकल्प पर विचार

कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारी वर्टिकल ड्रिलिंग के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।  बचाव अभियान में जुटी सरकारी एजेंसियां वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी में लगी हैं।  इस पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।

क्या है मैनुअल ड्रिलिंग?

24 नवंबर की शाम को ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल सामने आ गया।  ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए थे।  इसीलिए अब मैनुअल ड्रिलिंग करने का फ़ैसला किया गया है।  मैनुअल ड्रिलिंग माने आदमी के हाथ का काम।  मलबा हटाने का काम पूरी तरह इंसानो पर निर्भर होगा. ड्रिलर्स छोटे-छोटे औजारों या मशीनों के ज़रिए खुदाई का काम करते हैं।

Advertisment

अभी और समय लगेगा

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में समय लग सकता है क्योंकि ऑगर मशीन में बार-बार खराबी आ रही है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब लंबवत ‘ड्रिलिंग’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बचाव कार्यों की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने में ‘समय लगेगा’ क्योंकि सब कुछ बहुत सावधानी से करना होगा। उन्होंने कहा कि अब ध्यान लंबवत ‘ड्रिलिंग’ पर है और अभियान ‘अगले 24 से 36 घंटे’ में शुरू हो सकता है क्योंकि मशीनों को सुरंग के ऊपरी हिस्से में एक ‘प्लेटफॉर्म’ पर रखा जा रहा है।उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए लगभग 86 मीटर तक लंबवत ‘ड्रिलिंग’ की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें 

Aaj ka Rashifal: इस राशि के जातक की शिक्षा और करियर में प्रगति होने की संभावना है, जानें अपना राशिफल

Advertisment

Chanakya Neeti: चाणक्य के अनुसार ये गलतियां नहीं होने देती हैं जीवन में सफल

वृष के पास गलत रास्ते से आ सकता है धन, कर्क के शत्रु मचा सकते हैं उत्पात, पढ़ें Weekly Horoscope

Aaj Ka Panchang 26 November 2023: जानिए आज किस समय होगी पूर्णिमा की शुरुआत और शुभ काल

Advertisment

Silkyara Tunnel: उत्तराखंड सुरंग हादसे के बचाव कार्य में लगेगा समय, वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी शरु

Uttarkashi Tunnel Rescue, Uttarkashi, Tunnel Rescue, ड्रिलिंग मशीन, वर्टिकल ड्रिलिंग

uttrakhand pushkar dhami CM pushkar Dhami reached Uttarkashi Uttarkashi Tunnel Rescue Tunnel Rescue manual drilling Uttarkashi ड्रिलिंग मशीन वर्टिकल ड्रिलिंग
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें