Uttarakhand Cloud Burst Tragedy Updates: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने (Cloud Burst in Dharali) की भीषण घटना ने तबाही मचा दी। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। 130 से ज्यादा लोगों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है। राहत-बचाव कार्य अभी भी जारी है।
ITBP, सेना, SDRF और NDRF की टीमें मौके पर मोर्चा संभाले हुए हैं। बुधवार सुबह एक शव बरामद हुआ है, जिसकी पहचान की जा रही है।
मुख्य अपडेट्स | Dharali Cloud burst
धराली में बादल फटने से आई भीषण तबाही
50+ लोग लापता, 130 से अधिक को रेस्क्यू किया गया
अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि
1500 साल पुराना कल्प केदार महादेव मंदिर ध्वस्त
सीएम धामी ने किया धराली का एरियल सर्वे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मुख्यमंत्री से फोन पर बात
मंजर: 34 सेकंड में तबाही, बाजार-मकान बह गए
उत्तरकाशी का धराली गांव, जो गंगोत्री तीर्थ मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है, महज 34 सेकंड में तबाह हो गया। बादल फटने से खीर गंगा नदी में भयानक बाढ़ आई। नदी का सैलाब बाजार, मकान और होटल बहा ले गया।
हर्षिल इलाके में सेना के 8–10 जवानों के भी लापता होने की खबर है। खतरनाक इलाका होने की वजह से रेस्क्यू में काफी चुनौतियां आ रही हैं।
धराली: भूगर्भीय दृष्टि से टाइम बम
धराली गांव हिमालय की मेन सेंट्रल थ्रस्ट (Main Central Thrust – MCT) पर स्थित है। यह भूकंप और आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील इलाका माना जाता है। भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. एसपी सती के मुताबिक यह इलाका पहले भी 1864, 2013 और 2014 में तबाही झेल चुका है। पिछले 6 महीने पहले खीर गंगा नदी के ऊपर के पहाड़ का एक हिस्सा दरक चुका था, जो संभवतः अब टूटकर नीचे गिरा है।
प्राचीन कल्प केदार महादेव मंदिर हुआ ध्वस्त
इस आपदा में उत्तरकाशी के धराली गांव में स्थित 1500 साल पुराना कल्प केदार महादेव मंदिर भी मलबे में दब गया। यह मंदिर पंच केदार परंपरा का हिस्सा था और स्थानीय लोगों की गहरी आस्था से जुड़ा हुआ था। यह मंदिर भागीरथी नदी के किनारे स्थित था और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन को आते थे।
सीएम धामी का रेस्पॉन्स और केंद्र का संज्ञान
बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और राहत-बचाव कार्य की जानकारी ली। इसके बाद सीएम धामी ने धराली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे किया और रेस्क्यू टीमों को तेज कार्रवाई के निर्देश दिए।
उत्तरकाशी में नदी के बढ़े जल स्तर व आस-पास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।
धराली उत्तरकाशी में सभी सरकारी एजेंसियां, विभाग और सेना आपसी समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। बीती रात 130 से ज्यादा लोगों को… pic.twitter.com/9kWrnt9Uwg
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 6, 2025
जब केदारनाथ में फटा था बादल
साल 2013 में केदारनाथ में 16-17 जून की रात भी ऐसे ही बादल फटा ता जिसके बाद चारों तरफ चबाही और बर्बादी का मंजर देकेने को मिला था। अचानक फटे बादल की वजह से मंदाकिनी और सरस्वती नदी में बाढ़ आ गई थी। इस आपदा में करीब 5,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जबकि हजारों लापता हो गए थे। पूरा शहर मलबे में तब्दील हो गया और पुनर्वास व खोजबीन में कई सप्ताह लग गए। यह घटना देश के इतिहास की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जाती है, और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है।
Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बादल फटने से सैलाब की ऊंची लहरों में बहे मकान, 4 की मौत, 50 लापता, आर्मी कैंप बहा
उत्तराखंड में मंगलवार सुबह उत्तरकाशी जिले के धराली गांव की खीरगंगा में बादल फटने जैसी स्थिति बनी, जिससे भीषण बाढ़ आ गई। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों के मलबे में दबने की सूचना है, जबकि अनेक होटल और दुकानें पानी और मलबे की चपेट में आकर तबाह हो चुकी हैं। पूरा धराली बाजार बर्बाद हो गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें