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हाइलाइट्स
- केदारनाथ रोपवे: यात्रा 36 मिनट में पूरी होगी
- दुनिया के पहले ट्राई-केबिल डिटैचेबल 50 गोंडोला
- 2032 तक सोनप्रयाग से केदारधाम रोपवे शुरू होगा
Kedarnath Ropeway: उत्तराखंड (Uttarakhand Kedarnath Ropeway) के रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग से केदारनाथ मंदिर तक दुनिया के सबसे एडवांस रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इस अत्याधुनिक केदारनाथ रोपवे (Kedarnath Ropeway Project) का काम अदाणी समूह (Adani Group) को सौंपा गया है। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 4081 करोड़ रुपये है और यह समुद्र तल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर और कठिन पर्यावरणीय परिस्थितियों के बीच तैयार किया जाएगा।
रोपवे से यात्रा की समय अवधि और दूरी
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केदार धाम[/caption]
अभी सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक की पैदल दूरी 21 किलोमीटर है, जिसे पूरा करने में 7-8 घंटे लगते हैं। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद यह दूरी घटकर 12.9 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा केवल 36 मिनट में पूरी हो सकेगी। रोपवे की शुरुआत 2032 तक हो जाने की उम्मीद है।
रोपवे में आधुनिक तकनीक और गोंडोला सिस्टम
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2032 तक शुरू होगी सेवा[/caption]
इस रोपवे में दुनिया के पहले ट्राई-केबिल डिटैचेबल 50 गोंडोला लगाए जाएंगे। प्रत्येक गोंडोला में 36 यात्री बैठ सकते हैं। 11 घंटे के संचालन में यह रोपवे 18,000 यात्रियों को केदारधाम दर्शन के लिए सुविधा प्रदान करेगा। इस अत्याधुनिक तकनीक से पर्यटकों और श्रद्धालुओं की यात्रा बेहद सुगम और सुरक्षित होगी।
रोपवे रूट और स्टेशनों की जानकारी
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रोपवे के पूरे रूट पर 22 टावर और 5 स्टेशन होंगे। इनमें सोनप्रयाग, गौरीकुंड, चिरबासा, लिनचोली और केदारधाम स्टेशन शामिल हैं। चिरबासा और लिनचोली तकनीकी स्टेशनों के रूप में काम करेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में इनका उपयोग किया जाएगा।
निर्माण की प्रक्रिया और समयरेखा
इस अत्याधुनिक रोपवे का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारधाम तक 9.7 किलोमीटर का रोपवे तैयार किया जाएगा। हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत जैन ने बताया कि रोपवे के लिए सर्वे पहले ही किया जा चुका है और निर्माण कार्य मार्च-अप्रैल 2026 से शुरू होगा।
प्रोजेक्ट का शिलान्यास और प्रधानमंत्री की पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 21 नवंबर 2022 को किया था। इसके बाद मार्च 2023 में कैबिनेट ने इस रोपवे प्रोजेक्ट को आधिकारिक मंजूरी दी।
सुविधाएं और लाभ
केदारनाथ रोपवे बनने के बाद अब श्रद्धालुओं को कठिन चढ़ाई और मौसम की मार झेलने की जरूरत नहीं होगी। पहले के 3 दिन के सफर को दो दिन में पूरा किया जा सकेगा। हरिद्वार से सोनप्रयाग की दूरी लगभग 228 किलोमीटर है, जिसे अब तेज़ और सुरक्षित यात्रा के जरिए आसानी से तय किया जा सकेगा।
एक नजर में
केदारनाथ रोपवे (Kedarnath Ropeway Uttarakhand) परियोजना न केवल यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी सुविधा और समय की बचत सुनिश्चित करेगी। यह रोपवे भारत के धार्मिक पर्यटन को और भी उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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